परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की ड्रेस में कमीशन के खेल की बात मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है। नवीन शैक्षिक सत्र में ड्रेस वितरण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी लेकिन अभी गत शैक्षिक सत्र की जांच पूरी नहीं हो पाई है। 40 रुपये प्रति बच्चा हुई वसूली की मुख्यमंत्री से की गई शिकायत पर जांच का आदेश दिया गया है। जिलाधिकारी के आदेश पर बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों से जवाब मांगा है।बच्चों की ड्रेस में गत शैक्षिक सत्र में भी जमकर खेल खेला गया था और जिसे जो मिला दौड़ पड़ा। जानकारों की मानें तो गत शैक्षिक सत्र में तो 200 रुपये प्रति बच्चा के स्थान 150 और कहीं तो इससे भी कम में ड्रेस बनवाई गई थीं। शिकायतें हुई जांच भी कराई गई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। धीरे धीरे सत्र बीत गया और नवीन शैक्षिक सत्र में ड्रेस वितरण को हरी झंडी देते हुए जुलाई से इसकी शुरुआत भी हो रही है। लेकिन अभी भी पिछले शैक्षिक सत्र का जिन्न बोतल से निकल रहा है। सेवानिवृत्त शिक्षक रामसेवक ने मुख्यमंत्री से की गई शिकायत में गत सत्र में प्रति बच्चा 40 रुपये वसूलने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। शासन से आए पत्र पर जिलाधिकारी ने जांच का आदेश दिया था। बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने बीईओ को पत्र भेजकर जवाब मांगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब ऊपर से नीचे तक खेल हुआ। अधिकारी से लेकर नेता तक शामिल रहे, ब्लाकों में क्या हुआ किसी से छिपा नहीं है, ऐसे में बीईओ की आख्या पर संदेह है।
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