इलाहाबाद। एक जुलाई से स्कूल खुलने वाले हैं। महज पांच दिन शेष रह
गए हैं और बच्चों को मुफ्त में मिलने वाली पुस्तकों की आपूर्ति अभी तक
विद्यालयों में नहीं की गई। ऐसे में इस बार किताबों के बिना ही नौनिहालों
की पाठशाला लगनी तय है। विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर शासन व प्रदेश का
शिक्षा महकमा कितना संजीदा है, यह इसकी एक बानगी भर है। बेसिक शिक्षा व
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों का शैक्षिक सत्र अप्रैल माह
में शुरू हो गया था। शिक्षा विभाग के अफसरों का दावा था कि जून माह के अंत
में पाठय पुस्तकों की आपूर्ति स्कूलों में सुनिश्चित हो जाएगी। पहली जुलाई
से शिक्षा सत्र शुरू होने में पांच दिन शेष रह गए हैं लेकिन अभी तक
पुस्तकें नहीं मिल पाई हैं, इसको लेकर शिक्षा विभाग के अफसर भी असमंजस की
स्थिति में हैं।
जिले के परिषदीय स्कूलों में 3.72 लाख छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। वहीं, माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित छह से आठ तक के शासकीय और अशासकीय स्कूलों में 25 हजार से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनको मंजरी, भारत की महान विभूतियां, आओ विज्ञान करके सीखें, पर्यावरण, गणित, अंग्रेजी, भारत का भौगोलिक परिचय समेत कई पुस्तकें निश्शुल्क दी जाती हैं। ये किताबें अभी विद्यालयों में नहीं पहुंची हैं। ऐसे में नौनिहालों की पढ़ाई किताबों के बिना ही होगी। इस मामले में विभागीय अधिकारी शासन की जिम्मेदारी बता पल्ला झाड़ रहे हैं।
पुरानी किताबों से चलाएंगे काम : बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव कहते हैं, जो विद्यार्थी अगली कक्षा में पहुंच चुके हैं। उनकी पुरानी किताबों से नव प्रवेशी विद्यार्थी पढ़ाई करेंगे। नई किताबें उपलब्ध होने के बाद विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएगी। राजकीय बालिका इंटर कालेज कटरा की प्रधानाचार्या संगीता सिंह ने बताया कि पूर्व सत्र में उपलब्ध किताबों के सहारे पढ़ाई कराई जाएगी। जब तक किताबें नहीं आती हैं तब तक कुछ समस्या रहेगी।
आपूर्ति का दारोमदार शासन पर : जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार ने बताया कि शासन स्तर से किताबों की आपूर्ति सुनिश्चित होने के बाद स्कूलों के प्रधानाचार्यो को उपलब्ध हो जाएगा।
जिले के परिषदीय स्कूलों में 3.72 लाख छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। वहीं, माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित छह से आठ तक के शासकीय और अशासकीय स्कूलों में 25 हजार से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनको मंजरी, भारत की महान विभूतियां, आओ विज्ञान करके सीखें, पर्यावरण, गणित, अंग्रेजी, भारत का भौगोलिक परिचय समेत कई पुस्तकें निश्शुल्क दी जाती हैं। ये किताबें अभी विद्यालयों में नहीं पहुंची हैं। ऐसे में नौनिहालों की पढ़ाई किताबों के बिना ही होगी। इस मामले में विभागीय अधिकारी शासन की जिम्मेदारी बता पल्ला झाड़ रहे हैं।
पुरानी किताबों से चलाएंगे काम : बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव कहते हैं, जो विद्यार्थी अगली कक्षा में पहुंच चुके हैं। उनकी पुरानी किताबों से नव प्रवेशी विद्यार्थी पढ़ाई करेंगे। नई किताबें उपलब्ध होने के बाद विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएगी। राजकीय बालिका इंटर कालेज कटरा की प्रधानाचार्या संगीता सिंह ने बताया कि पूर्व सत्र में उपलब्ध किताबों के सहारे पढ़ाई कराई जाएगी। जब तक किताबें नहीं आती हैं तब तक कुछ समस्या रहेगी।
आपूर्ति का दारोमदार शासन पर : जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार ने बताया कि शासन स्तर से किताबों की आपूर्ति सुनिश्चित होने के बाद स्कूलों के प्रधानाचार्यो को उपलब्ध हो जाएगा।
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