बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाली कक्षा आठवीं पास बेटियों की पढ़ाई बीच में नहीं छूटेगी। आगे की पढ़ाई करने का उनका सपना पूरा होगा। अभिभावकों की गरीबी या अन्य कारणों से बेसिक स्कूलों की बेटियों की पढ़ाई आठवीं के बाद रोक दी जाती है, लेकिन अब नवीं में निशुल्क दाखिला से लेकर अन्य खर्च उठाने की जिम्मेदारी यूनिसेफ लेगा। प्रदेश के हर मंडल में एक जिला गोद लेकर इसकी शुरुआत की गई है। मुरादाबाद मंडल में रामपुर जिले को गोद लिया गया है।रामपुर में वर्ष 2016-17 में 58 फीसद यानि 5000 छात्रओं ने कक्षा आठवीं पास की। बेसिक स्कूल कक्षा आठ तक ही होते जिनमें निशुल्क शिक्षा दी जाती है। इसके बाद नौंवी से पढ़ाई का खर्च अचानक बढ़ जाता है जो तमाम अभिभावक नहीं उठा पाते हैं। इस अभाव में अधिकाशत : बेटियों को घर के कामकाज में ही लगा दिया जाता है। पिछले साल बतौर मॉडल रामपुर जिले का सैद नगर ब्लाक यूनिसेफ ने गोद लिया था, जिसकी करीब 1100 छात्रओं का नवीं में प्रवेश, किताब व यूनिफार्म का खर्च उठाया था। प्रयास सफल होने पर यूनीसेफ ने अब पूरे जिले को गोद ले लिया है। मंडल के अन्य जिलों को भी अगले सालों से गोद लिया जाएगा। केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार तक बेटियों की पढ़ाई के लिए काफी गंभीर है। खंड शिक्षा अधिकारियों को सर्वे करके रिपोर्ट यूनिसेफ को देनी होगी। इसमें अप्रैल में आठवीं पास छात्रओं के सापेक्ष नवीं में कितने प्रवेश हुए हैं की जानकारी दी जाएगी। जिनके प्रवेश नहीं हुए उन्हें यूनिसेफ की मदद से दाखिला दिलाया जाएगा।प्रदेश के हर मंडल से एक जिला यूनिसेफ ने लिया गोद मुरादाबाद मंडल से रामपुर को लिया गोदछात्रओं की पढ़ाई आठवीं पास करने के बाद नहीं रुकनी चाहिए, इसको लेकर सरकार गंभीर है। इसी कारण बेसिक स्कूलों की आठवीं पास बेटियों के दाखिले की जिम्मेदारी यूनिसेफ ने ली है। शासन स्तर से मुरादाबाद मंडल में रामपुर जिले को यूनिसेफ ने गोद लिया है।
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