आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मिलने वाला पुष्टाहार मवेशियों की सेहत बना रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों से पुष्टाहार की बोरियों का सौदा किया जा रहा है। यमुना पार के तमाम केंद्रों से पुष्टाहार खरीदकर पशुपालक अपने मवेशियों को खिला रहे हैं। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी बाल पुष्टाहार योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पुष्टाहार वितरित किया जाता है, लेकिन ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं और बच्चों को नाममात्र के लिए पुष्टाहार दिया जाता है। यमुना पार क्षेत्र में 22 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। हर केंद्र पर महीने में 20 से 25 पैकेट पुष्टाहार आता है, लेकिन ज्यादातर केंद्रों पर चार-पांच पैकेट में पूरा महीना निकाल दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक बाकी बचे पैकेटों को 250 रुपये के प्रति पैकेट से बेचने का खेल चल रहा है। शाहदरा स्थित एक पशुपालक लंबे समय से आंगनबाड़ी केंद्र से पुष्टाहार खरीद रहे हैं। यानि बच्चों का निवाला भैंसें खा रही हैं। डीएम पंकज कुमार ने बताया कि यह गंभीर मामला है, इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
No comments:
Write comments