लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से सूबे में अनुमोदित 26
राजकीय मॉडल कॉलेजों के निर्माण के लिए केंद्रांश की दूसरी किस्त जारी करने
का अनुरोध किया है। इस सिलसिले में उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास
मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर बताया है कि केंद्र से रकम न मिलने
के कारण मॉडल कॉलेजों का निर्माण अधूरा पड़ा है और पढ़ाई के लिए उनका
इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। 1मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया है
कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत 10
मार्च 2014 को उप्र के लिए स्वीकृत कार्ययोजना के तहत प्रदेश में 26
राजकीय मॉडल कालेजों को मंजूरी दी थी। इसके लिए केंद्रांश के तौर पर मिले
101.40 करोड़ रुपये में राज्यांश को शामिल करते हुए कुल 165 करोड़ रुपये की
राशि मॉडल कॉलेजों के निर्माण के लिए जारी की गई थी जिसका उपभोग एक साल
पहले ही हो चुका है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से केंद्र को निर्धारित
प्रारूप पर पिछले साल सात अगस्त और 17 दिसंबर को प्रमाणपत्र भी भेजा जा
चुका है। इसके बावजूद अब तक मॉडल कॉलेजों के लिए दूसरी किस्त की धनराशि अब
तक जारी नहीं हुई है जिससे कि सभी भवनों का निर्माण अधूरा पड़ा है। इस बारे
में मुख्य सचिव भी पहली फरवरी को मानव संसाधन विकास सचिव को पत्र भेजकर
अनुरोध कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने
यह भी बताया है कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 व 2016-17 के बजट
में मॉडल कॉलेजों के निर्माण के लिए राज्यांश की व्यवस्था की थी लेकिन
केंद्रांश न मिलने के कारण इस धनराशि का इस्तेमाल नहीं हो सका।
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