बेसिक शिक्षा विभाग, विद्यालयों में छात्रों के घट रहे नामांकन को लेकर अब जिम्मेदारी तय करने के रास्ते पर है। जिन विद्यालयों में छात्रों की तादाद 40 से कम है, उनके प्रधानाध्यापक व अध्यापकों को नोटिस देकर उनसे जबाब मांगने की तैयारी शुरू हो गई है। विद्यालयों में कम छात्र संख्या पर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को भी जबाब देना होगा। महकमा ऐसे विद्यालयों को सूचीबद्ध कर उन्हें नोटिस थमाने की तैयारी कर रहा है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है। जिले में 172 विद्यालय ऐसे हैं, जहां छात्र-शिक्षक अनुपात ठीक नहीं है। नामांकन को लेकर खस्ताहाल विद्यालयों की तादात सर्वाधिक अमानीगंज में है। यहां 30 विद्यालय इस जद में हैं। इन सभी विद्यालयों में छात्रों की तादाद 40 से कम है। इसी तरह मयाबाजार शिक्षा क्षेत्र में 16, मसौधा में आठ, मवई में छह, मिल्कीपुर में 24, हरिंग्टनगंज में 11, पूराबाजार में 15, सोहावल में 16, तारुन में 10, नगर क्षेत्र में 13 तथा बीकापुर में 23 विद्यालय ऐसे हैं, जिन्हें नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई है। सूत्रों के अनुसार नामांकन न बढ़ा तो संबंधित शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया जाएगा।बताते चलें कि बीते बुधवार को एक ओर जहां बीएसए कार्यालय में प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार व जिलाधिकारी किंजल सिंह ने ऑफिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा करते हुए पत्रवलियों के रखरखाव में लापरवाही के चलते ही वित्त एवं लेखा अधिकारी एके अग्निहोत्री सहित एक अन्य को निलंबित कर दिया तो वहीं इस दौरान अधिकारियों की नजर कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों पर भी रही। इस दौरान कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों सूची भी तलब की गई। बीएसए पन्नालाल गुप्ता ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में यह कार्रवाई हो रही है। सभी विद्यालयों को 100 बच्चों को नामांकित करना होगा। अन्यथा संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार है, जल्द ही नोटिस भेजी जाएगी।
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