मार्च, अप्रैल व मई माह का रुका मानदेय नहीं मिलने से जिले के परिषदीय स्कूलों में तैनात 441 अनुदेशक परेशान है। वे कई माह से मानदेय पाने को लेखा व बीएसए कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। आरोप है कि बजट अवमुक्त होने तथा चेक कटने के बाद भी अनुदेशकों को मानदेय नहीं मिला रहा है। अनुदेशकों ने चेतावनी दी यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। जिले के परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में अनुदेशक तैनात हैं। ये बच्चों को शारीरिक शिक्षा से लेकर कला आदि विषय पढ़ाते हैं। उनका आरोप है कि अफसरों की मनमानी के चलते उन्हें मार्च, अप्रैल और मई माह का मानदेय जारी नहीं हुआ है। आरोप है कि पहले अफसर लेखा विभाग में मानदेय के लिए बजट नहीं होना बताते थे, लेकिन अब बजट आने के बाद चेक बनने के बाद भी मानदेय नहीं दिया जा रहा है। अनुदेशक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र पाल सिंह चीनू ने बताया कि कई बार बीएसए व सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी से मिलकर मानदेय की मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्हें अब भी मानदेय को चक्कर कटवाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी यदि शीघ्र मानदेय जारी नहीं किया गया, तो संगठन अनुदेशकों के साथ आंदोलन को बाध्य होगा।
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