परिषदीय स्कूलों के बच्चों को अब महीने में पड़ने वाले सभी सोमवार को मौसमी व ताजा फल दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने फल वितरण के लिए बेसिक महकमे को प्रथम किस्त का धन भी आवंटित कर दिया गया है। यह योजना चार जुलाई से विद्यालयों में लागू हो जाएगी। सूबे की सरकार ने परिषदीय स्कूलों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए फल वितरण की नई योजना लागू की है। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को जहां बुधवार को दूध पिलाया जाता है। वहीं अब प्रत्येक सोमवार को प्रार्थना स्थल पर बच्चों को फल दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने बकायदा गाइड लाइन भी तैयार की है। जिसके तहत प्रधानाध्यापक को बच्चों में फल वितरण करना होगा। ऐसे में अब बच्चों को दूध के अलावां ताजा फल से पोषक तत्व मिल सकेगा। प्रदेश सरकार ने बच्चों में फल वितरण के लिए प्रथम किस्त के रूप में 92 लाख 94 हजार रूपये बेसिक महकमे को आवंटित कर दिया है। स्थानीय स्तर पर सुगमता से मिलने वाला फल जैसे अमरूद, केला, सेब, संतरा, नाशपाती, चीकू आदि।सोमवार को अवकाश होने की दशा में अगले शिक्षण दिवस में फल का वितरण किया जाएगा। प्रार्थना स्थल पर मार्निग स्नैक के रूप में फल का वितरण पर्याप्त मात्र में किया जाना। ल्ल छात्रों में कटे फल जैसे पपीता, तरबूज, खरबूजा आदि का वितरण नहीं किया जाएगा। ल्ल बासी व सड़े गले व खराब फल का वितरण न किया जाना। छात्रों में वितरित किये जाने वाले फल का वजन व आकार औसत होना चाहिए। छात्रों में फल वितरण से पूर्व उसे अच्छी तरह से धोना होगा। फल का वितरणविद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य की उपस्थिति में होना चाहिए।
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