मंशा तो अच्छी थी पर काश व्यवस्था में सुधार होता। विद्यालयों को गोद लेकर शैक्षिक गुणवत्ता की नजीर पेश करने की हरदोई से ही योजना शुरू हुई थी और फिर धीरे धीरे ठंडे बस्ते में चली गई। अब एडी बेसिक के फरमान पर खंड शिक्षा अधिकारियों ने विद्यालयों को चुपचाप गोद लेकर शांत हो गए हैं। सबसे खास बात यह कि गोद लेने की योजना में विकास खंड के अच्छे विद्यालयों को ही चुना गया है। परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए आदर्श विद्यालय योजना शुरु की गई थी।पूर्व बीएसए डा. ब्रजेश मिश्र ने इसकी पहल की थी और उनके प्रस्ताव को पूरे प्रदेश में लागू किया गया था। जिसमें अधिकारियों से लेकर एबीआरसी तक को दो दो विद्यालय गोद लेने थे। अधिकारियों ने विद्यालय गोद लिए भी लेकिन योजना गति नहीं पकड़ सकी और गोद में विद्यालय सिसकते रहे।अब नवीन शैक्षिक सत्र की शुरुआत होने पर एडी बेसिक ने फिर से इसे गति देते हुए हर खंड शिक्षा अधिकारी को तो दो विद्यालय गोद लेकर सूची मांगी थी। अधिकारियों ने विद्यालयों को गोद लेकर सूची भी भेज दी है। देखा जाए तो जिले के 19 विकास खंडों और एक नगर क्षेत्र को मिलाकर कुल 40 विद्यालयों को गोद लिया गया है। जानकारों की मानें तो यह सब चुपचाप किया गया। खंड शिक्षा अधिकारियों ने विकास खंड के चुनिंदा उन विद्यालयों को ही गोद लिया जो पूर्व से ही अच्छे थे। ऐसे विद्यालयों को गोद लेने का उद्देश्य कि उन्हें मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी और काम भी चल जाएगा। विभागीय जानकारों का कहना है कि चुपचाप विद्यालयों को गोद लेकर साहब खिसक लिए हैं। अगर गोद ही लेना है तो किसी पिछड़े विद्यालय के गोद लें तो शासन की मंशा भी सफल हो सके।
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