शिक्षा सत्र के शुरू हुए तीन माह होने को आए पर शासन स्तर से अभी तक परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। ऐसे में राष्ट्र के भावी कर्णधार नौनिहालों की शिक्षा अधर में ही चल रही है। परिषदीय विद्यालयों में छात्र संख्या व शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के प्रयास में सरकारी स्तर से करोड़ों की धनराशि खर्च की जा रही पर विभागीय र्दुव्यवस्था इस पर पानी फेरने का ही काम कर रही है। विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य शुरू हुए तीन माह बीत गए किंतु बच्चों को नए सत्र की पुस्तकें नसीब नहीं हुई। ऐसे में अध्यापक भी सुस्त पड़े हुए हैं। सीयर ब्लाक में कुल 173 प्राथमिक व 40 उच्च प्राथमिक 40 विद्यालय संचालित होते हैं जिसमें बिना पुस्तक के ही पठन-पाठन का काम किया जा रहा है। पुस्तकों के अभाव में स्कूल पूरे दिन खेल के मैदान ही बने रहत हैं। यही कारण है कि अधिकांश स्कूलों में छात्रों की संख्या में गिरावट आती जा रही है। 1पुरानी पुस्तकों से चला रहे काम1खंड शिक्षाधिकारी राकेश सिंह ने कहा कि विद्यालयों में नि:शुल्क वितरण के लिए शासन स्तर से ही पुस्तकों को भेजा नहीं गया है। हालांकि तत्कालिक व्यवस्था के तहत पुरानी पुस्तकों को ही देकर पठन-पाठन का काम चलाया जा रहा है।
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