फर्जी डिग्री से शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला उजागर हुआ है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन में फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ हुआ। शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापक पद पर चयन निरस्त करते हुए एफआइआर दर्ज कराई है। इसके साथ कुछ और शिक्षकों को फर्जी डिग्री से नौकरी पाने से बेनकाब किए जाने की बात कही गई है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों की सत्यापन रिपोर्ट देखी जा रही हैं। इसी साल मार्च में टीईटी पास अभ्यार्थियों की गणित विज्ञान शिक्षक भर्ती हुई थी। इसमें जयपाल सिंह पुत्र अमर का 82 अंकों के आधार पर चयन हुआ था। जयपाल को कादरचौक के भूड़ा भदरौल स्थित उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक पद पर तैनाती मिल गई। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन का सिलसिला शुरू हुआ। जयपाल ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी से बीएससी और बीएड डिग्री धारक होना दिखाया। मगर जांच में विश्वविद्यालय ने अपने यहां से उनकी डिग्री होना खारिज कर दिया है। बुंदेलखंड विवि ने बीएसए को भेजी सत्यापन रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि बीएससी और बीएड की डिग्री विश्वविद्यालय के अभिलेखों के मुताबिक फर्जी है। बीएस के यहां सत्यापन रिपोर्ट पहुंचते ही खलबली मच गई। मंगलवार को बीएसए ने जयपाल का सहायक अध्यापक पद पर चयन निरस्त कर दिया। फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी कर नौकरी पाने का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई है। जयपाल की फर्जी डिग्री का खुलासा होते ही कुछ और शिक्षक फर्जीवाड़े की रडार पर आ गए हैं।
No comments:
Write comments