बेसिक शिक्षा महकमे की महिमा न्यारी है। पहले तो तालाब के मुहाने पर विद्यालय बनाया। महकमे ने आंख मूंद कर संचालन की स्वीकृति दे दी। बीते एक सप्ताह से बरसात के पानी से तालाब उफ नाया तो विद्यालय परिसर में पानी भर गया। यही नहीं विद्यालय की रसोईं में ढाई फीट तक पानी भर गया है। परिसर में दो फि ट से ऊपर तक पानी भरा हुआ है। आने-जाने के मुख्य द्वार पर तालाब का गंदा पानी बह रहा है। 1क्षेत्र के हड़गड़वां प्राथमिक विद्यालय के परिसर में पानी भर जाने से शिक्षण व्यवस्था चौपट हो चुकी है। ग्रामीणों की मानें तो स्कूल के रसोई घर, शौचालय व अतिरिक्त कक्ष में बिच्छू व सांप लोट रहे हैं। बीते कई दिनों से विद्यालय में एक भी बच्चे पढ़ने के लिए नहीं आते। जबकि विद्यालय में 55 बच्चों का इस सत्र में नामांकन किया गया है। आलम यह है कि बेसिक शिक्षा महकमे का स्कूल चलो अभियान यहां पूरी तरह चौपट नजर आ रहा है। विद्यालय में दो शिक्षिकाओं की तैनाती की गई है। दो रसोइयां भी तैनात हैं, लेकिन उनका भी अता-पता नहीं है। वर्ष 2012 में निर्मित प्राथमिक विद्यालय हड़गडवा के भवन में जलभराव के चलते नीव व छत में जगह-जगह दरार पड़ गई है। वहीं विभागीय उदासीनता के चलते मात्र डेढ़ सौ मीटर के फ ासले पर एक कांवेन्ट विद्यालय बगैर मान्यता के चल रहा है। खंड शिक्षाधिकारी ओम प्रकाश मिश्र ने कहा कि विद्यालय परिसर में तालाब का पानी बीते कई दिनों से भरा है। बच्चे स्कूल नहीं आते। यहां तैनात शिक्षिका परवीन अख्तर व अनीता यादव को पूरे मो. प्राथमिक विद्यालय में अटैच किया गया है। विद्यालय की दूरी इस विद्यालय से लगभग डेढ़ किमी पर है। इस बाबत एसडीएम डा. वेद प्रकाश मिश्र कहते हैं कि विद्यालय में पानी भरने की जानकारी उन्हें नहीं है। यदि ऐसा है तो मामले की जांच करवाई जायेगी।तालाब बना मुसाफिरखाना क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालय हड़गड़वा का परिसर
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