मामले तो सिर्फ बानगीभर हैं। जिलेभर में ऐसे 62 स्कूल हैं, जिनके भवन गिरासू हालत में हैं। इसकी वजह से वे शिक्षक,जो यू-डायस की रिपोर्ट में उस कॉलम को ही भरना भूल गए, जिनमें जर्जर भवनों का जिक्र होना था। फिर, न तो जिला मुख्यालय से बजट मांगा गया, न शासन ने ही रकम आवंटित की। यह लापरवाही 2008 से लगातार चल रही है। ऐसे में इन जर्जर भवनों में भले ही कोई हादसा हो जाए उनकी बला से।1देहात में 45, शहर में 171बेसिक शिक्षा परिषद के जिले में करीब 2500 स्कूल हैं। इसमें से 62 जर्जर भवनों वाले स्कूलों की सूची जुलाई में विभाग को मिल गई, अभी भी तमाम स्कूलों की सूची आनी बाकी है। देहात में 45 व शहर में 17 स्कूलों के भवन गिरासू हालत में हैं, लेकिन कम किराये के कारण भवन स्वामी इनके कायाकल्प पर ध्यान नहीं दे रहे।
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