मातृत्व अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश देने का अधिकार भले ही शासन ने दोबारा बीएसए को दे दिया हो, लेकिन अभी भी खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) अपने स्तर से अवकाश स्वीकृत कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में बाल्य देखभाल और मातृत्व अवकाश प्रदान करने में गड़बड़ी होती है। इन गड़बड़ियों को रोकने और शिक्षकों को बीएसए कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े, इसलिए अवकाश स्वीकृति का अधिकारी बीईओ को दिया था। बीईओ को अधिकार मिलने पर ब्लॉक पर भ्रष्टाचार की शिकायतें बढ़ गईं। इसके बाद शासन ने 22 जून को फिर से बीएसए को अवकाश स्वीकृति के अधिकार मिल गए, लेकिन इसके बाद भी बाह की बीईओ पूनम चौधरी अवकाश स्वीकृत कर रही हैं। अधिकार छीनने के बाद भी बीईओ ने दो जुलाई को शिक्षिका भावना को 90 दिन का बाल्य देखभाल अवकाश दे दिया। ये एक मामला नहीं है, बल्कि कई ब्लॉक में अभी भी बीईओ अवकाश स्वीकृत कर रहे हैं। इस मामले पर बीएसए धर्मेद्र सक्सेना का कहना है कि सभी बीईओ को इस संबंध में अवगत करा दिया था। इसके बाद भी अगर किसी ने अवकाश स्वीकृत की तो उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। तैनाती में भी नहीं माने नियम बीईओ पूनम चौधरी द्वारा नियमों को दरकिनार करने की आदत है। अवकाश स्वीकृति हो या शिक्षक की ज्वाइनिंग। सब में नियम के विपरीत काम करती हैं। पिछले दिनों उन्होंने बिचपुरी के विद्यालय में शिक्षिका को बिना रिलीव व आदेश के ज्वाइनिंग करा दी। इतना ही नहीं उसका वेतन लगवाने के लिए लेखाधिकारी को पत्रवली भेज दी।
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