परिषदीय स्कूलों में छात्र नामांकन नहीं बढ़ा तो खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) जिम्मेदार माने जाएंगे। मामले में इनकी थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है और कार्रवाई भी हो सकती है। दरअसल, परिषदीय स्कूलों में जन जागरुकता रैली, नुक्कड़ नाटक समेत कई कार्यक्रम चलाने के बाद भी विद्यार्थियों की संख्या नहीं बढ़ रही है। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार माने जा रहे हैं। शासन भी मान रहा है कि बीईओ छात्र नामांकन बढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस कारण शासन ने प्रदेश के समस्त बीएसए को निर्देश जारी किया है कि हर ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी अपनेयहां पंजीकृत विद्यार्थी नामांकन की हकीकत की जांच करें। विद्यार्थी नामांकन संख्या कम पाए जाने वाले बीईओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखें। सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगातार नामांकन उत्सव, नामांकन मेला, नुक्कड़ नाटक समेत कई जन जागरुकता की गतिविधियां चलाई जा रही हैं। अप्रैल माह में शुरू हुए शैक्षिक सत्र के साथ ही जुलाई माह में व्यापक स्तर पर छात्र -छात्र नामांकन अभियान चलाया गया। गांव, गली में सरकारी स्कूलों के बच्चों ने जन जागरुकता रैली निकाली। फिर भी छात्र नामांकन नहीं बढ़ रहा है। शासन मान रहा है कि छात्र नामांकन में ब्लाक खंड शिक्षा अधिकारी कहीं न कहीं लापरवाही बरत रहे हैं। इससे बेहतर नतीजा नहीं आ रहा है। विगत दिनों लखनऊ में हुई बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री भी छात्र नामांकन नहीं बढ़ने पर प्रदेश के समस्त बीएसए की खिंचाई कर चुके हैं। अब शासन ने निर्देश दिए हैं कि समस्त ब्लाक में नव प्रवेशी छात्रों की सूची तैयार कराई जाए और उसे ऑनलाइन शासन को भेजा जाए। साथ ही जिले स्तर पर बीएसए यह समीक्षा करें कि शासन के निर्देश को खंड शिक्षा अधिकारी गंभीरता से ले रहे हैं कि नहीं। इसकी भी प्रगति रिपोर्ट दें। बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने बताया कि छात्र नामांकन बढ़ाने पर शासन का फोकस है। बीईओ को शासन की मंशा से अवगत करा दिया गया है। नव प्रवेशी छात्र नामांकन संख्या की सूची शासन को ऑनलाइन भेजी जाएगी।
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