बेसिक शिक्षा के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात अनुदेशकों को पिछले कई माह से न तो मानदेय दिया गया है और न ही नवीन सत्र में उनका नवीनीकरण हो सका है। ऐसी स्थिति में अनुदेशक परेशान घूम रहे हैं। गुरुवार को अनुदेशकों ने बीएसए कार्यालय पहुंचकर पहले प्रदर्शन किया और उसके बाद बीएसए से मुलाकात कर अपनी बात उनके समक्ष रखी। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कला, कम्प्यूटर, शारीरिक शिक्षा के अलावा अन्य कई विषयों के अनुदेशकों की तैनाती कई साल पूर्व हुई थी। मानदेय की इस नौकरी में हर साल अनुदेशकों का नवीनीकरण शासन के निर्देश पर ग्यारह माह के लिए कराया जाता है, लेकिन शिक्षकों की कमी को पूरा करने वाले इन अनुदेशकों को न तो समय से मानदेय दिया जाता है और न ही नवीनीकरण कराया जाता है। एक जुलाई से नियमित करीब साढ़े तीन सौ अनुदेशक अपने-अपने विद्यालयों में जाकर हाजिरी लगा रहे हैं और शिक्षण कार्य कर रहे हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों के स्तर से अभी तक अनुदेशकों का नवीनीकरण नहीं कराया गया। वहीं मार्च माह के बाद से मानदेय तक नहीं मिल पा रहा है। तमाम अनुदेशक इसी मानदेय पर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। मानदेय न मिल पाने के कारण अब आर्थिक तंगी के दौर से अनुदेशक गुजर रहे हैं। गुरुवार को तमाम अनुदेशक एकत्रित होकर बीएसए कार्यालय पर पहुंच गए। वहां पहले अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। बाद में बीएसए रेखा सुमन के समक्ष अपनी बात रखी। बीएसए ने आला अधिकारियों से संपर्क कर मानदेय का पता लगाने की बात अनुदेशकों से कही। तीस जून तक अनुदेशकों का नवीनीकरण हो जाना चाहिए, लेकिन आखिर क्या वजह रही कि नवीनीकरण नहीं हो पाया। इसकी जानकारी अनुदेशकों को नहीं हो पाई
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