क्षेत्र के हर तीसरे स्कूल में मनचाही तैनाती देने के लिये खंड शिक्षा अधिकारी ने अस्थाई नियुक्ति देकर शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। शिक्षा सचिव और बीएसए के अस्थाई नियुक्ति निरस्त करने के बाद भी शिक्षक अपने मूल विद्यालय नही लौट रहे हैं। बेसिक शिक्षा सचिव ने सूबे के प्रत्येक जिले में अस्थाई रूप से चल रहे समायोजन को निरस्त करने के आदेश दिए हैं, लेकिन ऊंचागांव में ब्लाक में शिक्षक अपने मूल विद्यालय ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी के मनमाने रवैये के कारण शिक्षक भी मस्ती कर रहे हैं और अस्थाई विद्यालयों में जाकर पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों की हठधर्मिता के कारण विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं का भविष्य खराब हो रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को मनमानी तैनाती दे रहे हैं। क्योंकि जहां शिक्षकों की जरूरत है, वहां शिक्षक नहीं है और जहां शिक्षकों की जरूरत नहीं है, वहां भरमार है। प्राथमिक विद्यालय मदनगढ़ में 100 छात्र-छात्रएं हैं और एक शिक्षक है। इसी तरह कमालपुर में 125 बच्चों पर एक शिक्षक, बशीबांगर में 300 बच्चों पर दो शिक्षक, कल्याणपुर में 125 छात्र-छात्रओं पर एक शिक्षक है। वहीं मिर्जापुर नगली में 10 छात्रों पर तीन शिक्षक तैनात हैं। यह व्यवस्था अस्थाई समायोजन की वजह से बिगड़ी हुई है। इस कारण कई स्कूल बंद होने के कगार पर हैं और अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कई बार वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। खंड शिक्षा अधिकारी विनोद चौधरी का कहना है कि अस्थाई नियुक्ति पर तैनात शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय लौटने के लिये नोटिस जारी कर दिया है। मूल विद्यालय ज्वाइन न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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