बेसिक शिक्षा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ग्राम प्रधानों की दखल रहती है, जिस कारण प्रधान और शिक्षकों में आए दिन विवाद होता रहता है। इससे पढ़ाई प्रभावित होती है। वहीं, योजनाओं का सही तरह से क्रियान्वयन नहीं हो पाता। सर्वशिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों में चलने वाली मिड डे मील, यूनीफार्म सहित अन्य योजनाओं में प्रधानों की दखल रहती है, क्योंकि हर साल करोड़ों रुपये का बजट योजनाओं के लिए दिया जाता है। प्रधान भी अपनी नेतागीरी दिखाने के लिए विद्यालयों में तैनात शिक्षकों पर अपना रौब दिखाते हैं। देहात क्षेत्रों में विद्यालयों में शिक्षकों को प्रधान के दबाव में कार्य करना पड़ता है। प्रधानों की बात न मानने पर आरोप प्रत्यारोप एक दूसरे पर लगाए जाते हैं। वहीं, बीएसए कार्यालय में आए दिन शिकायतें आती रहती हैं। विगत दिनों नगला ओझा में जहां शिक्षिका और पूर्व ब्लॉक प्रमुख में विवाद हो गया। हसायन ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सेंगला में प्रधान और हेड मास्टर में विवाद हो गया। शिकायतों का निस्तारण कराने में जहां अधिकारियों को मशक्कत करनी पड़ती है। वहीं, विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई सहित योजनाएं प्रभावित होती हैं। कई विद्यालयों में तो प्रधानों को मिड डे मील के संयुक्त खाते से अलग कराया गया है।
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