परिषदीय विद्यालयों में अव्यवस्था मिलने पर विद्यालय के शिक्षक के साथ संकुल प्रभारी भी जिम्मेदार होंगे। उनके विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। विद्यालयों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थित हर हाल में सुनिश्चित की जाए। गांधी भवन सभागार में शुक्रवार को सभी संकुल प्रभारियों की कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्ज्मा सिद्दीकी ने कहा सह समन्वयक, न्याय पंचायत प्रभारी एक माह में अपने-अपने न्याय पंचायत में संचालित परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थित सुनिश्चित करें। साथ ही विद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाया जाए। यदि उनके क्षेत्र के किसी भी विद्यालय का शिक्षक बिना सूचना अनुपस्थित पाया गया और उसके विषय में संकुल प्रभारी ने समुचित जवाब नहीं दिया तो उसके लिए संकुल प्रभारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी सह समन्वयक और संकुल प्रभारी कक्षा एक से आठ तक सभी पुस्तकों का अध्ययन करें और विद्यालय में पहुंच कर उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षकों का मार्गदर्शन करें। इसके साथ ही सभी संकुल प्रभारी अपनी-अपनी न्याय पंचायत में लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे शिक्षकों, तीन दिनों से लगातार अनुपस्थित शिक्षकों या बिना किसी सूचना के चिकित्सीय अवकाश पर चल रहे शिक्षकों की सूची तैयार कर एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करें, जहां पर बारिश में छत टपकती हों और दीवारें क्षतिग्रस्त हों। साथ ही विद्यार्थियों के लिए बैठने के लिए पर्याप्त स्थान न हों। इनकी सूची तीन दिन के अंदर उपलब्ध कराएं। इसके अलावा विद्यालयों में रंगरोगन का कार्य अक्तूबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में अव्यवस्था मिलने पर शिक्षक के साथ सह समन्वयक और संकुल प्रभारी भी जिम्मेदार होंगे। इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी पवन द्विवेदी, आरपी त्रिपाठी, मनोज कुमार बोस आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
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