Wednesday, August 31, 2016
सुल्तानपुर : गैर जिलों से आए शिक्षकों ने किया मार्ग जाम, ज्वाइनिंग न मिलने से थे नाराज
गैर जिलों से स्थानांतरित होकर आए करीब ढ़ाई सौ बेसिक शिक्षकों ने मंगलवार को डाकखाना चौराहे पर मुख्य मार्ग जाम कर दिया। बेसिक शिक्षकों ने रिक्तपदों का अभाव बताकर अधिकारियों द्वारा ज्वाइनिंग में की जा रही आनाकानी पर गहरा आक्रोश जताया। नारेबाजी और प्रदर्शन किया। करीब पौन घंटे तक मार्ग जाम होने से अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे शहर कोतवाल व अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की मान-मनौव्वल की और उन्हें बीएसए दफ्तर भेजा। तब जाकर स्थिति सामान्य हो सकी।शासन ने गैर जिलों से तबादले पर जिले में 578 शिक्षकों की तैनाती कर दी है। जबकि यहां के बेसिक विद्यालयों में रिक्त पदों की तादाद है सिर्फ 165। इस विषम स्थिति में महकमे के अधिकारी पशोपेश में फंस गए। सोमवार से ही प्रकरण तूल पकड़ लिया। दुविधा में फंसे अधिकारियों ने टालमटोल का रवैया अपनाया। इसी बीच मंगलवार को गैर जिलों से स्थानांतरित होकर आए डेढ़ सौ शिक्षकों ने जब बीएसए दफ्तर में अपनी आमद दर्ज करानी चाही तो संबंधित क्लर्क ने बेबसी जताई और शिक्षकों को उच्चाधिकारियों से वार्ता करने की सलाह दी। बीएसए केके सिंह हाईकोर्ट के कार्य से जिले से बाहर थे। ऐसे में शिक्षक जिलाधिकारी से फरियाद करने पहुंचे, लेकिन वहां भी डीएम के न मिल पाने की वजह से इन शिक्षकों ने सड़क पर उतरने का फैसला लिया और नारेबाजी करते हुए डाकखाना चौराहा पहुंचे, जहां दोपहर बाद मार्ग जाम कर दिया। सूचना पर पहुंचे शहर कोतवाल आजाद सिंह केशरी ने लोगों को समझाया-बुझाया और उच्चाधिकारियों से वार्ता कराई। तब जाकर मामला सुलझा। अपराह्न जिले में स्थानांतरित होकर आने वाले सभी शिक्षकों की आमद बीएसए दफ्तर में दर्ज कराई गई। तब जाकर स्थिति सामान्य हुई।
वाराणसी : शिक्षा के बाजारीकरण, सर्व शिक्षा अभियान का दुरुपयोग, बंद हो रहे प्राइमरी पाठशाला, 116 स्कूल बंद, बाकी कई कगार पर
सर्व शिक्षा अभियान के तहत बुनियादी शिक्षा के नाम पर सालाना करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, मुफ्त किताबें व यूनीफार्म व मध्याह्न् भोजन की सुविधा के बावजूद परिषदीय विद्यालयों में छात्रसंख्या घट रही है। ऐसे में प्राइमरी पाठशालाओं का अस्तित्व खतरे में है। दूसरी ओर जनपद में कई परिषदीय विद्यालयों की स्थिति ठीक नहीं है। मरम्मत व रखरखाव के अभाव में 116 प्राथमिक पाठशालाएं बंद हो चुकी हैं। प्राइमरी विद्यालय पक्का बाजार प्रथम, द्वितीय, मदऊं, अकथा, हुकुलगंज, पक्का बाजार, चुप्पेपुर वरुणा ब्रिज, नदेसर, तेलियाना, बहुआबीर, गायघाट, संकटमोचन, सराय हड़हा, पंच पांडव, देवनाथपुर सिटी, टेढ़ीनीम, राज मंदिर, रेशम कटरा, सिद्धेश्वरी, मदनपुरा, कमच्छा, अस्सी, भदैनी, महमूरगंज, नरिया, भिखारीपुर सहित अन्य क्षेत्रों में प्राइमरी स्कूल का अस्तित्व खत्म हो चुका है। वहीं कई विद्यालय बंद होने के कगार पर हैं। इस संबंध में आदर्श अमर शहीद फाउंडेशन ने गत दिनों मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। इसमें कहा गया है कि भू-माफियाओं की सांठ-गांठ से विद्यालयों पर अवैध कब्जा हो रहा है। फाउंडेशन के एजाज अहमद, एस. इकबार रजा शास्त्री, जलील अहमद, महेश कुमार ने कब्जा हो रहे विद्यालयों को मुक्त कराने की मांग की है। इसके अलावा शिक्षा के बाजारीकरण, सर्व शिक्षा अभियान का दुरुपयोग, बंद हो रहे प्राइमरी पाठशालाओं के बारे में मुख्यमंत्री से गुहार लगाई गई है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी कई बच्चे बुनियादी शिक्षा से अब भी दूर है।
गोंडा : बालिकाओं को होगी पढ़ाई में आसानी, कस्तूरबा की बालिकाओं को मिलेगी सोलर लालटेन
बेसिक शिक्षा विभाग ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में आए दिन बिजली की आ रही समस्याओं के निराकरण को लेकर योजना बनाई है। जिसके तहत हर कक्षा की तीन बालिकाओं को सोलर लालटेन दिया जाएगा, जिससे उन्हें पढ़ाई करने में कोई दिक्कत न आए। इसके लिए 153 बालिकाओं को चिन्हित किया गया है। जिले में 17 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित है। प्रति स्कूल 100 बालिकाएं यहां पर रहकर पढ़ाई कर रही हैं। इन स्कूलों में आए दिन बिजली की समस्या सामने आती रहती है। कहीं पर जनरेटर खराब होने का मामला आता है तो कहीं पर इनवर्टर बैठ जाता है। जिससे वहां पर पढ़ने वाली बालिकाओं को पढ़ाई में समस्या आती है। इसमें सुधार को लेकर विभाग ने अब एक नई योजना बनाई है। बालिका शिक्षा की जिला समन्वयक रजनी श्रीवास्तव ने बताया कि इस समस्या को देखते हुए नेडा के माध्यम से सोलर लालटेन के वितरण की योजना बनाई गई है। जिसमें हर कक्षा से तीन बालिकाओं को सोलर लालटेन दिया जाना है। इसके लिए 17 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की 153 बालिकाओं को चिन्हित किया गया है। इनकी सूची नेडा को दी गई है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इससे बालिकाओं को पढ़ाई में आसानी होगी।
हाथरस: 16448 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत काउंसिलिंग करा चुके अभ्यर्थियों ने लगाई नियुक्ति पत्र देने की गुहार।
बदायूं : खुद के संसाधन से विद्यालय जाएंगे दिव्यांग बच्चे, 121 दिव्यांग बच्चों के लिए प्राप्त हुए तीन लाख रुपये
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चे किसी दूसरे पर आश्रित नहीं रहेंगे। वह खुद के संसाधन से विद्यालय पहुंचेंगे और शिक्षा ग्रहण करेंगे। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से जरुरतमंद बच्चों को स्कॉट एलाउंस दिया गया है। बजट जिले को प्राप्त हो गया है। बच्चों के विद्यालयों में जाकर निरीक्षण होगा। जरूरत होने पर आख्या तैयार करके डीएम को भेजी जाएगी। उनके अनुमोदन के बाद बच्चों के खातों में धनराशि भेज दी जाएगी। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को विद्यालय जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। परेशानी की वजह से कई बच्चे पढ़ाई छोड़कर घर बैठ जाते हैं। उन्हें पढ़ाने वाले समेकित शिक्षा के तमाम विशेष शिक्षक उनके घर जाते हैं, लेकिन मजबूरी की बात कह दी जाती है। अब ऐसा नहीं होगा। यह बच्चे विद्यालय जाने के लिए अपने संसाधन जुटाएंगे और विद्यालय पहुंचेंगे। जिसके चलते सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित समेकित शिक्षा की ओर से बजट की मांग की गई थी। 121 दिव्यांग बच्चों के लिए 3 लाख दो हजार पांच सौ रुपये धनराशि स्वीकृत होने के बाद विभाग को दे दी गई है। हर बच्चे को ढाई सौ रुपये प्रति महीना दिया जाएगा। इसका लाभ लेने के लिए बच्चों की उपस्थिति 70 प्रतिशत होने अनिवार्य है। दृष्टिबाधित व मानसिक रुप से विक्षिप्त बच्चों को ही धनराशि दी जाएगी। विकास क्षेत्रों से बच्चों की सूची मांगी गई है। जिसपर संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी, विशेष शिक्षक के हस्ताक्षर होना आवश्यक है।
बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकार में भारी कटौती,जिले के अंदर शिक्षकों के तबादले का अधिकार छिना,अब डीएम की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कमेटी शिक्षकों के करेगी तबादले
- बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकार में भारी कटौती, जिले के अंदर शिक्षकों के तबादले का अधिकार छिना, अब जिलास्तरीय कमेटी शिक्षकों के करेगी तबादले
- सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को हटा कर अब स्थानान्तरण समिति की अध्यक्षता की कमान अब जिलाधिकारी को, सीडीओ भी बने सदस्य
- परिषदीय शिक्षकों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी, जिले के अंदर शिक्षकों के तबादले को हरी झंडी, लम्बे समय से शिक्षक तबादले की कर रहे थे मांग
👇 इस लिंक पर क्लिक कर देखें जनपद के अंदर स्थानान्तरण और समायोजन का आदेश 👇
बिजनौर : आश्रम पद्धति विद्यालय में शिक्षकों की तैनाती नहीं, गणित एवं अंग्रेजी शिक्षकों के बिना चल रहा विद्यालय
समाज के कमजोर वर्ग की बालिकाओं को शिक्षित करने की मंशा से करोड़ों रुपये की लागत से स्थापित राजकीय आश्रम पद्धति बालिका आवासीय विद्यालय शिक्षकों के अभाव में सफेद हाथी बनकर रह गया है। शैक्षिक सत्र शुरु होने के दो माह बाद भी विद्यालय में गणित और अंग्रेजी शिक्षक के पद खाली पड़े हैं। प्रदेश सरकार द्वारा समाज की गरीब बालिकाओं को शिक्षित करने की मंशा से नूरपुर ब्लाक के गांव धौलागढ़ मे करोड़ों रुपये की लागत से राजकीय आश्रम पद्धति बालिका आवासीय विद्यालय संचालित है। इस विद्यालय को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। शैक्षिक सत्र प्रारंभ हुए दो माह बीत चुके हैं लेकिन विद्यालय में अभी तक गणित एवं अंग्रेजी के शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी है। जिससे विद्यालय में शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है। शिक्षकों के अभाव का दंश सबसे ज्यादा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की छात्रओं को ङोलना पड़ रहा है। हाईस्कूल की एक छात्र के अभिभावक ओमपाल सिंह ने इस संबंध में जिलाधिकारी के शिकायती पत्र भेजकर विद्यालय में रिक्त शिक्षकों की भर्ती कराने की मांग की है। उधर, विद्यालय के कार्यकारी संचालक एडीओ समाज कल्याण एम कुसमाकर का कहना है कि रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए जिलाधिकारी को लिखा जा चुका है। जिलाधिकारी के आदेश पर ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
हरदोई : प्राधिकरण ने जताई नाराजगी, बीएसए को लिखा पत्र,230 विद्यालय दैनिक अनुश्रवण प्रणाली में नहीं दे रहे जानकारी
परिषदीय विद्यालयों में दैनिक अनुश्रवण प्रणाली से नजर रखी जा रही है लेकिन 230 विद्यालय कोई सूचना ही नहीं दे रहे। कोई फोन नहीं उठा रहा तो कोई काट देता है। प्राधिकरण की तरफ से नाराजगी जताते हुए बीएसए को पत्र लिखा गया है। हालांकि इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से मोबाइल नंबर अपडेट न किया जाना कारण बताया जा रहा है।प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत स्कूल संचालन के दिन भोजन दिए जाने की व्यवस्था दी गई है। दैनिक अनुश्रवण प्रणाली में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के मोबाइल नंबर को जोड़ा गया है। जिले में संचालित हो रहे प्राथमिक विद्यालयों में 230 विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के बदल जाने या प्रधानाध्यापक की ओर से मोबाइल बदल देने से मोबाइल नंबरों को अपडेट नहीं किया गया। खंड शिक्षा अधिकारियों की ओर से प्रधानाध्यापकों के मोबाइल नंबर अपडेट न किए जाने से पहले से ही चौपट व्यवस्था और चौपट हो गई।
हरदोई : अंतरजनपदीय शिक्षकों के स्थानांतरण का मामला, कार्यमुक्ति आदेश न मिलने पर शिक्षकों ने किया हंगामा
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के गैर जनपद स्थानांतरण आदेश के बाद रिली¨वग न मिलने पर शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक जमकर हंगामा काटा। इससे कार्यालय में हड़कंप मचा रहा। देर रात तक बीएसए कार्यालय में शिक्षकों का जमावड़ा लगा हुआ था। प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालय में तैनात शिक्षकों को उनके मूल जनपद जाने के लिए अंतरजनपदीय स्थानांतरण का मौका दिया था। इसके तहत जुलाई में आवेदन मांगे गए थे, जिनकी 21 अगस्त को सूची जारी की गई थी। जिले से चार सैकड़ा से अधिक शिक्षक- शिक्षिकाओं का गैर जनपद स्थानांतरण हुआ था। इन सभी को कार्यमुक्त होकर संबंधित जिलों में कार्यभार ग्रहण करना है। जिले में गैर जनपद से आने वाले एक सैकड़ा शिक्षक उपस्थित दर्ज करा चुके हैं, लेकिन जिले से गैर जनपद स्थानांतरित हुए एक भी शिक्षक को रिली¨वग नहीं किया गया। शिक्षक रिली¨वग आदेश के लिए लगातार कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। मंगलवार को जब आदेश नहीं मिला तो शिक्षकों का सब्र जवाब दे गया। शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर हंगामा करना शुरू कर दिया और कर्मचारियों के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। जिस पर कार्यालय में मौजूद डीआई ने शिक्षकों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन जब आदेश नहीं मिले तो वह उग्र हो गए और कई शिक्षक जिलाधिकारी आवास पर पहुंच गए और अपनी समस्या बताई। जिस पर जिलाधिकारी ने नगर मजिस्ट्रेट को बीएसए कार्यालय भेजा और शिक्षकों के रिली¨वग आदेश दिए जाने की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। नगर मजिस्ट्रेट के पहुंचने के बाद भी शिक्षकों रिली¨वग आदेश नहीं मिल सके थे। इससे बीएसए कार्यालय में देर रात तक शिक्षकों का जमावड़ा लगा हुआ था। गैर जनपद स्थानांतरित हुए शिक्षक विभागीय कर्मचारियों पर आर्थिक वसूली करने का भी आरोप ला रहे थे। शिक्षक रिली¨वग आदेश लेने के लिए देर रात तक रुके हुए थे, वहीं विभागीय जिम्मेदार आदेश जारी करने की प्रक्रिया में व्यस्त थे। बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने बताया कि जिनकी फाइल पूरी हो गई थी, उनमें से 145 शिक्षकों के आदेश जारी कर दिए गए हैं, शेष की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने आर्थिक दोहन के आरोप को निराधार बताया।बीएसए कार्यालय में फाइल जमा करने के लिए लगी भीड़।
हरदोई : एमडीएम में निकला कीड़ा, जिलाधिकारी ने की कार्रवाई, रसोइया की सेवा समाप्त, एनपीआरसी, प्रधानाध्यापिका निलम्बित बीईओ को प्रतिकूल प्रविष्टि
परिषदीय विद्यालयों में मिड्डे मील की गुणवत्ता में लापरवाही बरतना बीईओ सहित कई कर्मियों को महंगा पड़ा। टड़ियावां विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय मरदाननगर में मिड-डे मील में कीड़े निकलने और बच्चों के बीमार होने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। बीएसए ने एनपीआरसी और प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर बीइओ को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। वहीं रसोइयां की सेवा समाप्त कर दी गई है। इसके साथ ही सभी विद्यालय प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि मिड्डे मील की गड़बड़ी मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।1 विकास खंड टडियावां के प्राथमिक विद्यालय मरदान नगर में सोमवार को विद्यार्थियों को मिड्डे मील के तहत सोयाबीन की सब्जी में विद्यार्थियों ने कीड़े मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी। अभिभावकों का आरोप था कि सब्जी में कीड़े होने के कारण जिन बच्चों ने सब्जियां खा ली उनकी तबियत खराब हो गई थी। इस मामले में जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर और बीएसए को मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों ने गांव पहुंच कर मामले की जांच पड़ताल की और अभिभावकों व विद्यार्थियों के बयान दर्ज किए। जिसमें लापरवाही उजागर हुई। जिसकी आख्या जिलाधिकारी को दी गई थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर लापरवाही बरतने पर खंड शिक्षा अधिकारी शैलेश द्विवेदी को प्रतिकूल प्रविष्ट दी गई है, बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने बताया कि प्राथमिक पुरवा देवरिया के प्रधानाध्यापक व एनपीआरसी न्याय पंचायत हरिहरपुर अशोक कुमार, प्रधानाध्यापिका रीता देवी पाल को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही खाना बनाने वाली रसोइया बिट्टा देवी को बर्खास्त कर दिया गया है।1 विद्यालय में हुई घटना के बाद जिलाधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा कि विद्यालयों का नियमित निरीक्षण किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि मिड्डे मील में गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री तथा ब्रांडेड पैक बंद मसालों और एगमार्क युक्त तेल का प्रयोग किया जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। लापरवाही पाए जाने पर प्रधानाध्यापक के साथ-साथ संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी पर भी कार्यवाही की जाएगी। वहीं आकांक्षा समिति की अध्यक्ष डा. अनु भी विद्यालय पहुंची और उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
औरैया : प्रकरण की कराई जाए निष्पक्ष जांच, प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक में बिना जांच के लगाए गए आरोपों की हुई निंदा
मंगलवार को प्राथमिक शिक्षक संघ ब्लाक औरैया इकाई की आवश्यक बैठक हुई। जिसमें पूर्व माध्यमिक विद्यालय आनेपुर के प्रधानाध्यापक मोहम्मद इब्राहीम के बिना जांच के लगाए गए आरोपों की निंदा की गई। वहीं मांग की गई कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर प्रधानाध्यापक को न्याय दिलाने की कार्रवाई करें। 1ब्लाक अध्यक्ष कानन कमल अवस्थी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि वास्तव विवाद प्लाट संबंधी था, जबकि षड्यंत्र के तहत उसे नाटकीय मोड़ देते हुए बलात्कार के प्रयास में मामला पंजीकृत कर लिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि प्रधानाध्यापक को जान बूझ कर फंसाया गया है। पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए और जो दोषी हो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। ब्लाक मंत्री जय पाल सिंह पाल ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने बिना जांच किए ही मुकदमा पंजीकृत कर लिया है जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बैठक का संचालन जिला उपाध्यक्ष संजय पांडेय ने कहा कि हरहाल में मामले की निष्पक्ष जांच हो तभी कार्रवाई की जाए। बैठक में भोला सिंह, राजेश राजपूत, अनुज अवस्थी, संजय दुबे, कमाल अहमद, समीर, सर्वेश यादव, शिव कुमार यादव आदि शिक्षक मौजूद रहे।
अंबेडकरनगर : रख-रखाव की खामियां दूर हों तो बने बात, क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था में आया कुछ सुधार, स्कूलों में समय से हो रही अध्यापकों की उपस्थिति
जागरण की पहल पर परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन को लेकर जहां काफी सुधार दिख रहा है। वहीं अध्यापकों का समय रहते विद्यालय पहुंच जाने व बच्चों को होमवर्क तक दिए जाने का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि विभागीय उपेक्षा के चलते विद्यालयों में रख-रखाव की खामियों के न दूर होने से छात्रों व अध्यापकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दैनिक जागरण ने मंगलवार को कुछ विद्यालयों का जायजा लिया तो हकीकत सामने आयी। दिन-मंगलवार-समय : 10.25 बजेस्थान : प्राथमिक विद्यालय शिक्षा क्षेत्र जलालपुर के इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक रूबीना काजमी विद्यालय की चहारदीवारी न बन पाने, शौचालय, अग्निशमन यंत्रों को उपलब्ध न कराए जाने तथा गर्मी के प्रकोप में राहत के लिए बिजली तक की व्यवस्था न होने से काफी हतोत्साहित दिखीं। इनका मानना है कि यदि विभाग व गांव के मुखिया चेत लें तो परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई बेहतर हो सकती है। स्कूल में सहायक मुन्नी, बृजेश कुमारी, शिक्षामित्र प्रेमलता पंजीकृत 66 में उपस्थित 39 बच्चों को अलग-अलग कक्षों में पढ़ाती मिलीं। मिड-डे-मील में मेन्यू के लिहाज से दाल, चावल बना था। विद्यालय में स्थापित इंडिया मार्का-टू हैंडपंप के रि-बोर के बावजूद भी शुद्ध पानी नहीं निकल रहा है। साफ-सफाई नहीं दिखी। कक्षों के फर्श टूट रहे हैं।