सर्व शिक्षा अभियान के तहत बुनियादी शिक्षा के नाम पर सालाना करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, मुफ्त किताबें व यूनीफार्म व मध्याह्न् भोजन की सुविधा के बावजूद परिषदीय विद्यालयों में छात्रसंख्या घट रही है। ऐसे में प्राइमरी पाठशालाओं का अस्तित्व खतरे में है। दूसरी ओर जनपद में कई परिषदीय विद्यालयों की स्थिति ठीक नहीं है। मरम्मत व रखरखाव के अभाव में 116 प्राथमिक पाठशालाएं बंद हो चुकी हैं। प्राइमरी विद्यालय पक्का बाजार प्रथम, द्वितीय, मदऊं, अकथा, हुकुलगंज, पक्का बाजार, चुप्पेपुर वरुणा ब्रिज, नदेसर, तेलियाना, बहुआबीर, गायघाट, संकटमोचन, सराय हड़हा, पंच पांडव, देवनाथपुर सिटी, टेढ़ीनीम, राज मंदिर, रेशम कटरा, सिद्धेश्वरी, मदनपुरा, कमच्छा, अस्सी, भदैनी, महमूरगंज, नरिया, भिखारीपुर सहित अन्य क्षेत्रों में प्राइमरी स्कूल का अस्तित्व खत्म हो चुका है। वहीं कई विद्यालय बंद होने के कगार पर हैं। इस संबंध में आदर्श अमर शहीद फाउंडेशन ने गत दिनों मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। इसमें कहा गया है कि भू-माफियाओं की सांठ-गांठ से विद्यालयों पर अवैध कब्जा हो रहा है। फाउंडेशन के एजाज अहमद, एस. इकबार रजा शास्त्री, जलील अहमद, महेश कुमार ने कब्जा हो रहे विद्यालयों को मुक्त कराने की मांग की है। इसके अलावा शिक्षा के बाजारीकरण, सर्व शिक्षा अभियान का दुरुपयोग, बंद हो रहे प्राइमरी पाठशालाओं के बारे में मुख्यमंत्री से गुहार लगाई गई है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी कई बच्चे बुनियादी शिक्षा से अब भी दूर है।
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