परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों को बेसिक शिक्षा विभाग ने बंधक बना लिया है। इसका खुलासा उच्च अधिकारियों के निरीक्षण में हुआ। स्थिति यह है कि जब अधिकारियों ने इस अनियमितता पर जवाब-तलब किया तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी करीब 12 दिन बीतने पर भी इसका जवाब नहीं दे पाएं हैं।
यह है मामला : पिछले दिनों नगर क्षेत्र में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) धीरेंद्र यादव ने नगर शिक्षा अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण किया था। इस दौरान शिक्षा सुधार कार्यक्रम की सारी सामग्री कार्यालय के एक कमरे में बंद मिली थी। यह बच्चों व शिक्षकों में बांटी ही नहीं गई। इस पर बीएसए ने नगर शिक्षा अधिकारी छोटे लाल से जवाब-तलब किया था, लेकिन करीब 12 दिन बीतने के बाद भी अभी तक नगर शिक्षा अधिकारी इस लापरवाही का जवाब नहीं दे पाए हैं।
कहां जा रहा है बजट : शासन से नगर समेत 13 ब्लॉकों की बीआरसी पर विभिन्न कार्यक्रमों के लिए 28 लाख रुपये का बजट मिलता है। ये राशि सभी बीआरसी में बंटती है। नगर क्षेत्र की बीआरसी को इसमें से पांच से छह लाख रुपये मिलते हैं। पर यहां कार्यक्रम न के बराबर ही हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि बजट जा कहां रहा है? पहले भी हुआ है जवाब-तलब : कुछ महीने पहले भी इन कार्यक्रमों की अनदेखी की शिकायत पर संयुक्त निदेशक (बेसिक शिक्षा) अजय कुमार द्विवेदी ने नगर शिक्षा अधिकारी से जवाब-तलब किया था।
निरीक्षण में अनियमितताएं मिली थीं। इस पर छोटे लाल से जवाब मांगा गया था, जवाब अभी तक नहीं मिला है। दो-तीन दिन और देखते हैं, फिर कार्रवाई के लिए फाइल डीएम के पास भेज दी जाएगी।
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