परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चे किसी दूसरे पर आश्रित नहीं रहेंगे। वह खुद के संसाधन से विद्यालय पहुंचेंगे और शिक्षा ग्रहण करेंगे। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से जरुरतमंद बच्चों को स्कॉट एलाउंस दिया गया है। बजट जिले को प्राप्त हो गया है। बच्चों के विद्यालयों में जाकर निरीक्षण होगा। जरूरत होने पर आख्या तैयार करके डीएम को भेजी जाएगी। उनके अनुमोदन के बाद बच्चों के खातों में धनराशि भेज दी जाएगी। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को विद्यालय जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। परेशानी की वजह से कई बच्चे पढ़ाई छोड़कर घर बैठ जाते हैं। उन्हें पढ़ाने वाले समेकित शिक्षा के तमाम विशेष शिक्षक उनके घर जाते हैं, लेकिन मजबूरी की बात कह दी जाती है। अब ऐसा नहीं होगा। यह बच्चे विद्यालय जाने के लिए अपने संसाधन जुटाएंगे और विद्यालय पहुंचेंगे। जिसके चलते सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित समेकित शिक्षा की ओर से बजट की मांग की गई थी। 121 दिव्यांग बच्चों के लिए 3 लाख दो हजार पांच सौ रुपये धनराशि स्वीकृत होने के बाद विभाग को दे दी गई है। हर बच्चे को ढाई सौ रुपये प्रति महीना दिया जाएगा। इसका लाभ लेने के लिए बच्चों की उपस्थिति 70 प्रतिशत होने अनिवार्य है। दृष्टिबाधित व मानसिक रुप से विक्षिप्त बच्चों को ही धनराशि दी जाएगी। विकास क्षेत्रों से बच्चों की सूची मांगी गई है। जिसपर संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी, विशेष शिक्षक के हस्ताक्षर होना आवश्यक है।
No comments:
Write comments