परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे स्कूली बच्चों को मिड डे मील दिए जाने में लापरवाही पकड़ी गई है। पहली जुलाई से 18 जुलाई के मध्य दैनिक अनुश्रवण प्रणाली के माध्यम से हुई पड़ताल में पाया गया है कि जिले के विभिन्न विकास खंडों के 15 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर एक भी दिन बच्चों को मध्यान्ह भोजन का वितरण नहीं किया गया। प्रकरण संज्ञान में आने पर एमडीएम प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्र ने डीएम को पूरे मामले से अवगत कराया है। साथ ही इन विद्यालयों की निगरानी का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के तीन हजार से अधिक परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मिड डे मील देने का दावा किया जा रहा है। जिसके तहत सोमवार को बच्चों को फल व बुधवार को दूध का वितरण किया जाता है। इसकी कई स्तर पर निगरानी की जाती है। मिड डे मील प्राधिकरण के स्तर से हर रोज शिक्षकों के मोबाइल पर फोन करके जानकारी ली जाती है। इसके बाद भी लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है।
पहली से 18 जुलाई के मध्य दैनिक अनुश्रवण प्रणाली के माध्यम से हुई जांच में पाया गया कि शिक्षा क्षेत्र बेलसर के मरगूबपुर, दरौली डीहा पंडित पुरवा, चमारनपुरवा, केवटाही, छपिया के भकला, कर्नलगंज के विवेकानंद उमावि, कुम्हदौरा, दर्जीपुरवा, हलधरमऊ के कोंचा कासिमपुर, झंझरी के सरैया माफी, परसपुर के पूरे सरदार, धर्मनगर, तुलसी स्मारक इंका, तरबगंज के सर्वांग ऋषि सराव, वजीरगंज के हरिहर पुर स्कूल में एक भी दिन मिड डे मील न बनने का मामला आया है। जिससे लगातार 13 दिन तक 1760 स्कूली बच्चे भूखे पेट लौटने को मजबूर दिखे। एमडीएम प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्र ने डीएम को पत्र लिखा है। जिसमें एमडीएम का प्रभावी संचालन कराने का निर्देश दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है
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