राजधानी में सोमवार को मानदेय न दिए जाने के विरोध में हजारों की संख्या में आए वित्तविहीन शिक्षक पार्क रोड स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में धरने पर बैठ गए। राज्य सरकार द्वारा वित्तविहीन स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को मानदेय देने के लिए बजट 2016 में करीब 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक इसका वितरण शुरू नहीं हुआ है। आक्रोशित शिक्षकों ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया और घोषणा की कि जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिल जाएगा वह अपना धरना खत्म नहीं करेंगे। वह निदेशक कार्यालय पर ही डेरा डालकर बैठे रहेंगे। इधर शिक्षकों की भारी भीड़ कहीं कोई बवाल न कर दे या फिर वह मुख्यमंत्री आवास की ओर अचानक कूच न कर दे इसलिए भारी पुलिस फोर्स मौके पर तैनात रही।शिक्षकों को संबोधित करते हुए विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी ने कहा कि जब तक शिक्षकों के खाते में मानदेय की रकम नहीं पहुंच जाती वह धरना खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने वित्त विहीन शिक्षकों का आवाहन किया कि वह एकजुट होकर जोरदार ढंग से लड़ाई लड़ें। माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासंघ, उप्र के प्रांतीय अध्यक्ष चौधरी रामवीर सिंह यादव ने कहा कि सपा सरकार ने वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को गुमराह किया है। आखिर जब फरवरी 2016 में जारी बजट में 200 करोड़ मानदेय के रूप में देने के लिए प्रावधान कर दिया तो इसे खाते में क्यों नहीं भेजा जा रहा है। सपा ने 2012 में विधानसभा चुनाव के समय वादा किया था कि वह मानदेय देगी, लेकिन अभी तक यह वादा अधूरा ही है।
No comments:
Write comments