शिक्षा विभाग के अधिकारियों को माननीयों से शिष्टाचार का पाठ पढ़ाया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने साफ कहा सांसदों, विधायकों से अधिकारी सलीके से पेश आएं, मोबाइल उठाएं, किसी खास बैठक में व्यस्त होने की स्थिति में काल बैक करें। अगर ऐसा नहीं हुआ और किसी भी अधिकारी की शिकायत आई तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होगी।सांसद, विधायकों आदि जनप्रतिनिधियों का प्रोटोकाल होता है। वैसे तो हर अधिकारी को प्रोटोकाल मानने का फरमान है और न मानने की स्थिति में कार्रवाई भी हो सकती है लेकिन ज्यादातर मामलों में देखा जाए तो सत्तापक्ष के नेताओं के लिए ही अधिकारी प्रोटोकाल मानते हैं। उसी को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को हर जनप्रतिनिधि को सम्मान की बात कही गई है। खासकर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तो बेसिक शिक्षा निदेशक ने लिखित आदेश जारी किया है, कहा हर सांसद, विधायक या जनप्रतिनिधि का सम्मान करें। कार्यालय आने पर शिष्टाचार से पेश आएं और तो और फोन आने पर अगर किसी बैठक या अन्य खास स्थान पर होने की मौजूदगी में फोन न उठा पाने की स्थिति में काल बैक करें, अगर ऐसा नहीं किया और शिकायत आई तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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