जागरण की पहल पर परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन को लेकर जहां काफी सुधार दिख रहा है। वहीं अध्यापकों का समय रहते विद्यालय पहुंच जाने व बच्चों को होमवर्क तक दिए जाने का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि विभागीय उपेक्षा के चलते विद्यालयों में रख-रखाव की खामियों के न दूर होने से छात्रों व अध्यापकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दैनिक जागरण ने मंगलवार को कुछ विद्यालयों का जायजा लिया तो हकीकत सामने आयी। दिन-मंगलवार-समय : 10.25 बजेस्थान : प्राथमिक विद्यालय शिक्षा क्षेत्र जलालपुर के इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक रूबीना काजमी विद्यालय की चहारदीवारी न बन पाने, शौचालय, अग्निशमन यंत्रों को उपलब्ध न कराए जाने तथा गर्मी के प्रकोप में राहत के लिए बिजली तक की व्यवस्था न होने से काफी हतोत्साहित दिखीं। इनका मानना है कि यदि विभाग व गांव के मुखिया चेत लें तो परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई बेहतर हो सकती है। स्कूल में सहायक मुन्नी, बृजेश कुमारी, शिक्षामित्र प्रेमलता पंजीकृत 66 में उपस्थित 39 बच्चों को अलग-अलग कक्षों में पढ़ाती मिलीं। मिड-डे-मील में मेन्यू के लिहाज से दाल, चावल बना था। विद्यालय में स्थापित इंडिया मार्का-टू हैंडपंप के रि-बोर के बावजूद भी शुद्ध पानी नहीं निकल रहा है। साफ-सफाई नहीं दिखी। कक्षों के फर्श टूट रहे हैं।
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