परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के गैर जनपद स्थानांतरण आदेश के बाद रिली¨वग न मिलने पर शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक जमकर हंगामा काटा। इससे कार्यालय में हड़कंप मचा रहा। देर रात तक बीएसए कार्यालय में शिक्षकों का जमावड़ा लगा हुआ था। प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालय में तैनात शिक्षकों को उनके मूल जनपद जाने के लिए अंतरजनपदीय स्थानांतरण का मौका दिया था। इसके तहत जुलाई में आवेदन मांगे गए थे, जिनकी 21 अगस्त को सूची जारी की गई थी। जिले से चार सैकड़ा से अधिक शिक्षक- शिक्षिकाओं का गैर जनपद स्थानांतरण हुआ था। इन सभी को कार्यमुक्त होकर संबंधित जिलों में कार्यभार ग्रहण करना है। जिले में गैर जनपद से आने वाले एक सैकड़ा शिक्षक उपस्थित दर्ज करा चुके हैं, लेकिन जिले से गैर जनपद स्थानांतरित हुए एक भी शिक्षक को रिली¨वग नहीं किया गया। शिक्षक रिली¨वग आदेश के लिए लगातार कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। मंगलवार को जब आदेश नहीं मिला तो शिक्षकों का सब्र जवाब दे गया। शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर हंगामा करना शुरू कर दिया और कर्मचारियों के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। जिस पर कार्यालय में मौजूद डीआई ने शिक्षकों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन जब आदेश नहीं मिले तो वह उग्र हो गए और कई शिक्षक जिलाधिकारी आवास पर पहुंच गए और अपनी समस्या बताई। जिस पर जिलाधिकारी ने नगर मजिस्ट्रेट को बीएसए कार्यालय भेजा और शिक्षकों के रिली¨वग आदेश दिए जाने की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। नगर मजिस्ट्रेट के पहुंचने के बाद भी शिक्षकों रिली¨वग आदेश नहीं मिल सके थे। इससे बीएसए कार्यालय में देर रात तक शिक्षकों का जमावड़ा लगा हुआ था। गैर जनपद स्थानांतरित हुए शिक्षक विभागीय कर्मचारियों पर आर्थिक वसूली करने का भी आरोप ला रहे थे। शिक्षक रिली¨वग आदेश लेने के लिए देर रात तक रुके हुए थे, वहीं विभागीय जिम्मेदार आदेश जारी करने की प्रक्रिया में व्यस्त थे। बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने बताया कि जिनकी फाइल पूरी हो गई थी, उनमें से 145 शिक्षकों के आदेश जारी कर दिए गए हैं, शेष की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने आर्थिक दोहन के आरोप को निराधार बताया।बीएसए कार्यालय में फाइल जमा करने के लिए लगी भीड़।
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