गैर जिलों से स्थानांतरित होकर आए करीब ढ़ाई सौ बेसिक शिक्षकों ने मंगलवार को डाकखाना चौराहे पर मुख्य मार्ग जाम कर दिया। बेसिक शिक्षकों ने रिक्तपदों का अभाव बताकर अधिकारियों द्वारा ज्वाइनिंग में की जा रही आनाकानी पर गहरा आक्रोश जताया। नारेबाजी और प्रदर्शन किया। करीब पौन घंटे तक मार्ग जाम होने से अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे शहर कोतवाल व अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की मान-मनौव्वल की और उन्हें बीएसए दफ्तर भेजा। तब जाकर स्थिति सामान्य हो सकी।शासन ने गैर जिलों से तबादले पर जिले में 578 शिक्षकों की तैनाती कर दी है। जबकि यहां के बेसिक विद्यालयों में रिक्त पदों की तादाद है सिर्फ 165। इस विषम स्थिति में महकमे के अधिकारी पशोपेश में फंस गए। सोमवार से ही प्रकरण तूल पकड़ लिया। दुविधा में फंसे अधिकारियों ने टालमटोल का रवैया अपनाया। इसी बीच मंगलवार को गैर जिलों से स्थानांतरित होकर आए डेढ़ सौ शिक्षकों ने जब बीएसए दफ्तर में अपनी आमद दर्ज करानी चाही तो संबंधित क्लर्क ने बेबसी जताई और शिक्षकों को उच्चाधिकारियों से वार्ता करने की सलाह दी। बीएसए केके सिंह हाईकोर्ट के कार्य से जिले से बाहर थे। ऐसे में शिक्षक जिलाधिकारी से फरियाद करने पहुंचे, लेकिन वहां भी डीएम के न मिल पाने की वजह से इन शिक्षकों ने सड़क पर उतरने का फैसला लिया और नारेबाजी करते हुए डाकखाना चौराहा पहुंचे, जहां दोपहर बाद मार्ग जाम कर दिया। सूचना पर पहुंचे शहर कोतवाल आजाद सिंह केशरी ने लोगों को समझाया-बुझाया और उच्चाधिकारियों से वार्ता कराई। तब जाकर मामला सुलझा। अपराह्न जिले में स्थानांतरित होकर आने वाले सभी शिक्षकों की आमद बीएसए दफ्तर में दर्ज कराई गई। तब जाकर स्थिति सामान्य हुई।
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