DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, August 1, 2016

बाँदा : खस्ताहाल भवन में बैठ कर शिक्षा पा रहे छात्र, लोहिया गांव होने के बाद भी भवन की हालत ज्यों की त्यों

विकासखंड के सोनरही गांव में स्थापित प्राथमिक पाठशाला के खस्ताहाल भवन में बैठकर छात्र-छात्रएं शिक्षा लेने को विवश है। लोहिया गांव होने के बावजूद इस गांव के भवन की हालत ज्यों की त्यों बनी है। विद्यालय के भवन में प्रदेश स्तर से लगाकर जिला स्तर तक के अफसर गांव के विकास की नब्ज टटोल चुके हैं। खस्ताहाल भवन को लेकर फरियाद ग्रामीणों ने अधिकारियों से किया लेकिन सब कागजों में दफन होकर रह गया है।
प्राथमिक पाठशाला सोनरही में तैनात प्रधानाध्यापक अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि स्कूल की दीवारें फट गई हैं। स्कूल की छत से पानी टपकता है। भवन की दशा को लेकर कई बार शिक्षा विभाग को अवगत कराया। लोहिया गांव के रूप में चयनित सोनरही में लगने वाली प्रदेश सरकार की चौपाल में भवन को लेकर समस्या रखी गई। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। विद्यालय की चहारदीवारी का एक भाग बारिश में ढह गया है। जिसकी मरम्मत को लेकर ग्राम प्रधान को जानकारी दी गई। बारिश के मौसम में विद्यालय भवन में कमर तक पानी भर जाता है।
जलभराव से इमारत की नींव में पानी भर जाने से पूरे भवन में सीलन है। श्री त्रिपाठी ने बताया कि विद्यालय भवन में आधा सैकड़ा छात्रों की उपस्थिति बनी रहती है। कहा कि विभाग से सर्वे कराकर क्षतिग्रस्त भवन तथा खस्ता हाल बाउंड्रीवाल का निर्माण कराए जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक पाठशाला की दीवारें फट गई हैं। इससे बच्चों की जान का खतरा बना है। विद्यालय की हालत दयनीय है। दीवारों के सहारे रखी छत पर भी दरार है। यह खतरे का संकेत है। मासूम बच्चों की जिदंगी की परवाह विभाग को समय रहते करना होगा।तिंदवारी में खस्ताहाल स्कूल की दीवार ।

No comments:
Write comments