प्रदेश के निजी एवं सरकारी संस्थानों में कार्यरत कर्मियों के लिए अच्छी खबर है। यदि वह महज कक्षा आठ उत्तीर्ण हैं और 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुकें हैं तो उन्हें हाईस्कूल करने का मौका मिलेगा। इसमें उन्हें कक्षा नौ उत्तीर्ण करने एवं पंजीकरण कराने का झंझट नहीं रहेगा। बोर्ड नियमों को शिथिल करेगा। अब तक नियम सख्त होने से कर्मचारी चाहकर भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे। माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हर साल होने वाली हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल होने वालों की तादाद लाखों में है। फर्जी परीक्षार्थियों पर अंकुश लगाने के लिए बोर्ड के नियम खासे सख्त हैं। हाईस्कूल की परीक्षा में वही परीक्षार्थी शामिल हो सकता है, जिसने कक्षा में पंजीकरण कराकर पहले नौ उत्तीर्ण किया हो। ऐसे ही कक्षा 11 में पंजीकरण कराकर उसे उत्तीर्ण करने वाले ही इंटर की परीक्षा में शिरकत कर सकते हैं।
हाईस्कूल की व्यक्तिगत परीक्षा में अमूमन वही परीक्षार्थी शामिल होते हैं, जो संस्थागत परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाते। वहीं इंटर में पत्रचार के जरिए एवं परीक्षा में फेल होने वाले दो तरह के परीक्षार्थी शामिल होते रहे हैं। हाईस्कूल में पत्रचार का प्रावधान नहीं है और सीधे हाईस्कूल की परीक्षा देने की अनुमति अब तक नहीं रही है। पंजीकरण फिर कक्षा नौ पास करना जरूरी रहा है। इससे निजी व सरकारी संस्थानों में कार्यरत कक्षा आठ उत्तीर्ण कर्मचारी हाईस्कूल नहीं कर पाते थे और उनकी आगे की पढ़ाई का रास्ता भी अपने आप बंद रहा है, क्योंकि उन्हें दो वर्ष का लंबा समय चाहिए था। कर्मचारियों के हित में यह प्रस्ताव बोर्ड ने तैयार करके शासन को भेजा है। माना जा रहा है कि इसी महीने प्रस्ताव पर मुहर लगने पर रास्ता साफ हो जाएगा
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