सर्वे पूरा होने के बाद स्कूल प्रबंध समिति व वार्ड शिक्षा समिति की बैठक में आउट आफ स्कूल बच्चों के नाम पढ़कर सुनाये जायेंगे। इन बच्चों का विद्यालय में दाखिला कराने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जायेगा। इन बच्चों का विशेष सर्वे ईंट भट्ठों, होटल व ढाबों पर काम करने वाले, घरेलू नौकर, कचरा बीनने वाले, पुश्तैनी दस्तकारी में लगे बच्चे, घुमंतू परिवारों के बच्चे, गंभीर दिव्यांग, गैराज व फैक्ट्री में काम करने वाले, कृषि कार्य में लगे बच्चे आदि।
छह से 14 वर्षीय बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए पहले एक से 30 अप्रैल तक और फिर एक जुलाई से 15 जुलाई तक स्कूल चलो अभियान चलाया गया। बच्चों के दाखिले के लिए स्कूलों में नामांकन उत्सव भी मनाया गया। इसके बावजूद अनेक बच्चे अभी भी स्कूली शिक्षा से बाहर हैं। ऐसे बच्चों की खोजबीन करने के लिए एक अगस्त से हाउस होल्ड सर्वे शुरू हो रहा है। अभियान में इस बार बाल श्रमिकों पर विशेष निगाह रखी जायेगी। कामकाजी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए श्रम विभाग का सहयोग लिये जाने की भी तैयारी की गई है। हाउस होल्ड सर्वे सोमवार से शुरू होकर 20 अगस्त तक चलेगा। सर्वे के लिए प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों की इस प्रकार ड्यूटी लगाई जायेगी, जिससे कोई विद्यालय शिक्षक विहीन न होने पाये। सर्वे का कार्य प्रत्येक बस्ती, मजरे व वार्ड में होगा। रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस स्टेशन के आसपास डेरा जमाये परिवारों के बच्चों का भी चिह्नांकन किया जायेगा। हर स्कूल में बाल गणना रजिस्टर तैयार होगा। 16 से 14 वर्ष के बच्चों का विवरण दर्ज किया जायेगा। तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों का भी सर्वेक्षण होगा। इसकी सूचना अलग से संकलित की जायेगी। जिस घर में विद्यालय न जाने वाले बच्चे चिह्नित होंगे, उस घर पर रंगीन चाक से बच्चों की संख्या के साथ एचएचएस-2016 अंकित किया जायेगा। जिला समन्वयक अनिल शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं।
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