बेसिक शिक्षा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात करीब सोलह शिक्षक व शिक्षिकाएं ऐसे हैं जो इन दिनों परेशान हैं। डा. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा से वर्ष 2004 के करीब बीएड करने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। एसआइटी जांच में इन शिक्षकों पर कार्रवाई तय हो सकती है। यूं तो बेसिक शिक्षा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक गलत प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, लेकिन इनकी शिकायतें न हो पाने के कारण शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। करीब तीन साल पहले जरूर करीब चार शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के आरोप लगे थे। बाद में जांच पड़ताल के बाद चारों की नौकरी चली गई और तत्कालीन बीएसए ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वर्ष 2004 के आसपास डा. बीआर अम्बेडकर विश्व विद्यालय से बीएड की डिग्री लेने वाले करीब सोलह आवेदकों को काउंसलिंग के बाद यहां तैनाती मिल गई थी। आगरा विश्वविद्यालय के तमाम रिकार्ड एसआइटी जब्त कर चुकी है। उसी के आधार पर जिले के सोलह शिक्षकों को एसआइटी की ओर से पूर्व में नोटिस जारी कर मुख्यालय बुलाया गया। जांच पड़ताल अब अंतिम दौर में चल रही है। सोलह शिक्षकों की नौकरी पर खतरा बना हुआ है। विभागीय अधिकारी भी एसआइटी की जांच पर निर्भर हैं। वहां से जो आदेश आयेंगे उनका अनुपालन कराने की बात कही जा रही है।
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