मुरसान के उच्च प्राथमिक विद्यालय सियमल में बच्चों को पढ़ाते शिक्षक।प्राथमिक विद्यालय खुटीपुरी ब्राrाणान में बच्चे को पढ़ाते शिक्षक।प्राथमिक विद्यालय आरती में बच्चों को पढ़ाती शिक्षिका।प्रमोद सिंह, हाथरस नौनिहालों की नींव मजबूत करने के लिए केंद्र व प्रदेश की सरकारें खजाना खोले हुए हैं, मगर तंत्र बेपरवाह है। यही वजह है कि जनपद में बेसिक शिक्षा बेहाल है। शिक्षकों की कमी नहीं, फिर भी 120 प्राथमिक व जूनियर विद्यालय ऐसे हैं जो एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। ऐसे में प्राइमरी स्कूल में अकेला शिक्षक एक से पांच तक तथा जूनियर में छह से आठ तक के बच्चों को एक साथ क्या पढ़ा पाता होगा, शिक्षा के स्तर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। इसके लिए सीधे तौर पर दोषी हैं विभागीय अफसर, क्योंकि जिले में दो दर्जन से ज्यादा स्कूल ऐसे भी हैं जिनमें शिक्षकों की संख्या मानक से अधिक है। ये विद्यालय हैं शहर व कस्बों के आसपास के। इन शिक्षकों को साठगांठ व सिफारिशों के चलते नहीं छेड़ा जा रहा।
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