निशातगंज पुल पर लगा जाम। पैदल चलने का भी नहीं सूझा रास्ता।
डायट में अभ्यर्थियों को खुलेआम बेचे जा रहे डॉक्युमेंट इन्फॉर्मेशन फाॅर्म।
निशातगंज पुल से बंधा रोड मोड़ तक सड़क संकरी होने और पीक ऑवर्स के कारण गाड़ियों की लाइन लग गई। आलम यह रहा कि गाड़ियों के बीच से पैदल निकलने तक की जगह नहीं बची। ऐसे में मौके पर पहुंचे पुलिस और ट्रैफिक कर्मी भी बेबस नजर आए। रही सही कसर अभ्यर्थियों की भीड़ और निदेशालय की दीवार के किनारे खड़े वाहनों ने पूरी कर दी।
अभ्यर्थियों के लिए गाड़ी खड़ी करने के लिए जीआईसी ग्राउंड में व्यवस्था की गई है, लेकिन ग्राउंड में घुसने वाले रास्ते पर ही अवैध पार्किंग का संचालन किया जा रहा है। जो भी अभ्यर्थी ग्राउंड में गाड़ी खड़ी करने के लिए जाता है उससे गली में ही पैसे वसूल लिए जाते हैं। जबकि डायट प्रिंसिपल के मुताबिक पार्किंग का कोई ठेका नहीं दिया गया है। अभ्यर्थियों के मुताबिक यहां पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है लेकिन उसे अवैध पार्किंग नजर नहीं आती। पार्किंग से बचने के लिए लोग सड़क पर गाड़ियां पार्क देते हैं जिससे दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है।
7,266 की हुई काउंसलिंग
संकरी सड़क से संकट
2 घंटे तक मरीज को लेकर जाम में फंसे
चल रही अवैध पार्किंग
बीटीसी काउंसलिंग के दौरान निशातगंज से हजरतगंज
तक रही दिक्कत
• कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी निवासी बीमार बुजुर्ग महिला को लेकर परिवारीजन अस्पताल जा रहे थे। समतामुलक चौराहे से निशातगंज की तरफ मुड़ गए, लेकिन पेपर मिल कॉलोनी से लगे जाम में करीब दो घंटे तक फंसे रहे।• एसबीआई में काम करने वाले गोमतीनगर निवासी बीके मिश्रा रोज की तरह सुबह दफ्तर के लिए निकले। हालांकि 11 बजे तक जाम में ही फंसे रहे और समय से ऑफिस नहीं पहुंच सके।• गोमतीनगर निवासी आयूषी भी ऑफिस के लिए निकली, लेकिन निशातगंज के पास जाम में फंस गईं।• मॉडर्न पब्लिक स्कूल के छात्र व्रतांत, शिखर और सुदीप को छुट्टी के बाद वैन घर ले जा रही थी। करीब दो घंटे तक वैन फंसी रही और बच्चे परेशान होते रहे।
बीटीसी की काउंसलिंग में शनिवार को रेकॉर्ड 7,266 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग कराई। सेकंड कटऑफ की महिला अभ्यर्थियों के लिए शनिवार को अंतिम दिन था इसलिए भी भीड़ उमड़ पड़ी। इससे पहले शुक्रवार को लगभग 6 हजार अभ्यर्थी काउंसलिंग कराने के लिए पहुंचे थे। डायट प्रिंसिपल ललिता प्रदीप ने बताया कि अंतिम दिन आर्ट के अभ्यर्थी कम रहे। आर्ट के मात्र 76 अभ्यर्थियों ने ही काउंसलिंग कराई शेष सभी अभ्यर्थी साइंस के ही शामिल रहे।• एनबीटी, लखनऊ : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र (डायट) पर चल रही बीटीसी काउंसलिंग में वसूली का बाजार सज गया है। जहां अभ्यर्थियों से उन फॉर्मों के भी पैसे वसूले जा रहे हैं जिनकी जरूरत नहीं है। वहीं डायट की प्रिंसिपल ललिता प्रदीप का कहना है कि उनकी जिम्मेदारी काउंसलिंग के अंदर की है। बाहर क्या बिक रहा है इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं है।
बीटीसी काउंसलिंग में अभ्यर्थियों को फाइल पर एक लिस्ट लगानी है, जिसमें फाइल में दिये जाने वाले डॉक्युमेंट लिखना है। काउंसलिंग सेंटर पर दुकानदार दस रुपये का प्रिंटआउट बेच रहे हैं। जिसमें लिखा है कि कौन-कौन से डॉक्यूमेंट लगाए गए हैं। वहीं काउंसलिंग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक ऐसे किसी भी फॉर्म की बाध्यता नहीं है। अगर अभ्यर्थी फाइल पर एक सादे कागज पर डॉक्यूमेंट लिखकर भी देगा तो भी फाइल जमा हो जाएगी। ऐसे ही किट भी 40 रुपये में बेची जा रही है। इसमें एक फाइल दो लिफाफे और प्रिंटआउट का फॉर्म है। जिसकी कीमत दस रुपये से ज्यादा नहीं है। लेकिन अभ्यर्थियों को जरूरी बताकर यह फॉर्म बेचा जा रहा है।
• एनबीटी, लखनऊ : बीटीसी काउंसलिंग के लिए शनिवार को जुटे अभ्यर्थियों की भीड़ से निशातगंज से हजरतगंज तक यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई। तकरीबन तीन घंटे तक लोग जाम से जूझते रहे। काउंसलिंग के तीसरे दिन सुबह आठ बजे से ही अभ्यर्थी पहुंचने लगे थे। ऑफिस और स्कूलों का समय होने पर लोग घरों से निकले और देखते ही देखते जाम लगना शुरू हो गया। संकरी सड़क, व्यस्त रूट और तीन तरफ का दबाव होने से गाड़ियां तो दूर पैदल चलने वालों तक के लिए जगह नहीं बची।
जाम लगने की सूचना मिलते ही महानगर कोतवाली और ट्रैफिक पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। हालांकि तब तक जाम इतना भीषण हो चुका था कि यातायात संभालने में पसीने छूटने लगे। तमाम प्रयास के बावजूद तीन से चार घंटे तक वाहन फंसे रहे। स्कूल वैन में पसीने से लथपथ बच्चे लेट होने को लेकर परेशान दिखे। ऑफिस जाने वाले भी लेट हुए। यहां तक की मरीजों को अस्पताल ले जा रहे वाहनों को भी रास्ता नहीं मिला। बेसिक शिक्षा निदेशालय पर बीटीसी काउंसलिंग में शामिल होने जिले भर से सैकड़ों अभ्यर्थी पहुंचे। सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों के साथ ही पैदल निकले अभ्यर्थियों की भीड़ से भी यातायात थमा रहा।
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