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Tuesday, August 30, 2016

हाथरस: फर्जी अंकतालिकाओं से बीटीसी में प्रवेश लेने वाले हो जाएँ सावधान,फर्जीवाड़े पर दो सगी बहनों को कोर्ट से सजा।

संवाद सहयोगी, हाथरस : बीटीसी बैच 2010 व 11 में फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रवेश लेने वाली दो सगी बहनों को कोर्ट ने दो साल कैद की सजा सुनाई है। बड़ी बहन के ससुर ने आरटीआइ के माध्यम से इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठाया था, जिसके बाद एक महीने के अंतराल पर दोनों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए। फर्जी प्रवेश का यह पहला मामला था जिसके बाद फर्जीवाड़े के कई मामलों से पर्दा उठा था।1गौरव सिंह पुत्री पोप सिंह निवासी अध्यापक कॉलोनी, कृष्णा नगर, हाथरस जंक्शन की शादी नवंबर 2010 में प्रीतम पुत्र हरी सिंह निवासी रमनपुर से हुई थी। प्रीतम बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात थे तथा गौरव सिंह बीटीसी प्रशिक्षु थीं। शादी के कुछ महीने बाद ही पति-पत्नी में विवाद शुरू हो गया। गौरव मायके चली गई तथा पति व ससुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस डाल दिया। पति-पत्नी की इस जंग में बीटीसी प्रवेश में हो रहे फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ। गौरव के ससुर हरी सिंह ने आरटीआइ के जरिए बोर्ड से गौरव सिंह की हाईस्कूल व इंटर की वास्तविक अंकतालिकाएं मंगवाईं, जो कि बीटीसी बैच 2010 में प्रवेश के लिए लगाई गईं अंकतालिकाओं से भिन्न थीं। इस फर्जीवाड़े ने शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया। मामला बढ़ने पर तत्कालीन डायट प्राचार्य हरवंश सिंह ने गौरव के खिलाफ हाथरस गेट कोतवाली में आइपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 में रिपोर्ट दर्ज कराई। हरी सिंह ने गौरव की छोटी बहन दीप्ति सिंह की अंकतालिकाएं भी आरटीआइ के जरिए मांगी। बीटीसी बैच 2011 में दीप्ति ने भी फर्जी अंकतालिकाओं के आधार पर प्रवेश लिया था। अधिकारी दीप्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए आगे नहीं आए। ऐसे में हरी सिंह ने कोर्ट के जरिए 3 अगस्त 2012 को इन्हीं धाराओं में दीप्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।1हाथरस गेट पुलिस ने इन धाराओं में दोनों बहनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में ट्रायल पर चल रहा था। वादी पक्ष से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अर¨वद कुमार भाटी ने दोनों बहनों को सजा दिलाने के लिए पैरवी की। सोमवार को हुई अंतिम सुनवाई में दास्तावेजी साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने दोनों बहनों को दोषी ठहराया। गौरव सिंह को धारा 420, 467 व 468 में दो-दो साल की कैद व 200-200 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। धारा 471 में एक साल की कैद व सौ रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। दीप्ति सिंह को धारा 467 व 468 में दो-दो साल की कैद व 200-200 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। धारा 471 में एक साल की कैद व सौ रुपये जुर्माना तथा 417 में 6 माह की कैद व 100 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

समाज में जाएगा संदेश : वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अर¨वद कुमार भाटी ने कहा है कि जिले में इस तरह का यह पहला मामला है। पिछले कुछ वर्षों में बीटीसी में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा से देश का विकास होता है। यदि इसमें ही फर्जीवाड़ा व धोखाधड़ी होगी तो विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। दोनों बहनों के खिलाफ हुए इस निर्णय से शिक्षा माफिया सबक लेंगे तथा छात्र भी फर्जीवाड़ा करने से बचेंगे।जेएम कोर्ट ने दिया निर्णय, चार साल पहले दर्ज हुए थे मामले।आरटीआइ से ससुर ने ही किया था फर्जीवाड़े का भंडाफोड़

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