पूरा शिक्षा क्षेत्र के विद्यालय बदहाल है। कहीं बाउंड्रीवाल टूटी है तो कहीं शौचालय की किल्लत है। अभी तक बच्चों का न किताब मिली और न यूनीफार्म। देवगढ़ प्राथमिक विद्यालय में कई कमरों का दरवाजा टूटा है। यहां अराजकतत्वों का रात में जमावड़ा रहता है। इससे ग्रामीण भी परेशान हैं। शिक्षा क्षेत्र के पटखौली व कस्तूरीपुर परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की कमी है। यहां किसी तरह पढ़ाई का कार्य होता है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरोरा में सबसे कम छात्र है। ताहिरपुर बरौली, सरायरासी तथा दर्शननगर विद्यालय में बाउंड्रीवाल क्षतिग्रस्त है। प्राथमिक विद्यालय देवगढ़ में दो कमरो को छोड़कर सभी कमरों के दरवाजे टूटे पड़े है। जो जिस कमरे में जाना चाहे बिना रोकटोक जा सकता है। शिक्षिका नूपुर सिंह ने बताया कि यहां 88 पंजीकृत बच्चे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बिना दरवाजे का विद्यालय है। शाम होते ही अराजकतत्व विद्यालय में जमा हो जाते हैं।खण्ड शिक्षा अधिकारी सियाराम वर्मा ने बताया कि अभी नई किताबें तो नहीं आ पायी हैं लेकिन पुरानी के सहारे शिक्षण कार्य किया जा रहा है। उन्होंने सभी क्षतिग्रस्त शौचालय ठीक कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिले के आलाधिकारियों से मिलकर विद्यालय के तोड़े जा रहे दरवाजों की जानकारी देंगे। जिससे सुरक्षा व्यवस्था चुस्त हो सके
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