16 हजार शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरुआत से विवादों में घिरी रही। इसे लेकर हंगामा हुआ। बीएसए पर आरोप भी लगे, लेकिन सोमवार को नियुक्ति पत्र देने के बाद बीएसए के समर्थन में जो ड्रामा रचा गया, वह अधिकारियों के लिए नहीं होता। उनके समर्थन में नेताओं की तरह बैनर लगा दिए गए।
बीएसए कार्यालय में सोमवार को दो बड़े-बड़े बैनर लटके थे। इस पर लिखा था, 16448 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्षता व पारदर्शिता बनाए रखने और फर्जी अभ्यर्थियों को बाहर करने के लिए बीएसए धर्मेद्र सक्सेना का कोटि-कोटि आभार। निवेदक समस्त चयनित शिक्षक-शिक्षिकाएं। बैनरों पर बीएसए का बड़ा सा फोटो भी है। कार्यालय सूत्रों की मानें, तो करीब 12 बजे कुछ युवक आए थे, उन्होंने ही बैनर लटकाए। वहीं कुछ लोग इसे नियुक्ति प्रक्रिया में विवाद के बाद बीएसए की छवि सुधारने से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ जिले के नए अधिकारी तक सकारात्मक संदेश पहुंचाने से जोड़कर। मामले में बीएसए धर्मेद्र सक्सेना का कहना है कि बैनर किसने लगाए, उन्हें पता नहीं है।
दर्जनों अभ्यर्थियों के रोके नियुक्ति पत्र1सोमवार को 50 से ज्यादा अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरित नहीं किए गए। उनको बताया गया है कि उनके प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी है। इस पर अभ्यर्थी भड़क गए। उनका कहना था कि अगर प्रमाण पत्र गड़बड़ हैं, तो एफआइआर कराई जाए। बिना किसी आधार के केवल वसूली को उनके नियुक्ति पत्र रोके गए हैं।
हाईकोर्ट जाएंगे शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान दूसरे जिलों में तैनात शिक्षकों को काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया। इस पर अब अभ्यर्थी बीएसए के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि हाईकोर्ट ने बिना एनओसी वाले सभी शिक्षकों को काउंसिलिंग में शामिल कराने के आदेश दिए थे। दूसरे जिलों में काउंसिलिंग करा दी गई, लेकिन आगरा में नहीं कराई गई। बीएसए से पूछा तो उन्होंने कहा कि जिन्होंने प्रत्यावेदन दिया था, उनकी काउंसिलिंग कराई जाएगी, जबकि प्रत्यावेदन तो मांगे ही नहीं गए थे।बीएसए कार्यालय में लगा बैनर।
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