बेसिक शिक्षा विभाग के भ्रष्ट तंत्र के चलते ही पूर्व में बेसिक शिक्षाधिकारी को जेल तक जाना पड़ा। उन्हें कई महीनों तक जेल की हवा खानी पड़ी। यही नहीं खंड शिक्षाधिकारियों समेत कई तो रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए हैं। इसके बाद भी रिश्वतखोरी का खुला खेल जारी है।बेसिक शिक्षा विभाग को मलाईदार विभागों में जाना जाता है और ऐसा हो भी क्यों न। यहां छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अफसर तक हर किसी की मोटी कमाई है। विभाग की ऊपरी आमदनी का अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें हत्याएं तक हो चुकी हैं। पूर्व में तो भ्रष्टाचार के मामलों में ही कई अफसर फंसे हैं। वर्ष 2013 में बिलासपुर के खंड शिक्षाधिकारी अनुज सक्सेना भी रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए थे। सिलाई मशीन घोटाले में तत्कालीन बीएसए तजम्मुल हुसैन को तो जेल भी जाना पड़ा था। वह कई माह तक जेल में रहे। स्वार में खंड शिक्षाधिकारी रहे सर्वेश कुमार भी रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। यही नहीं खंड शिक्षाधिकारी सिद्दीक अहमद भी भ्रष्टाचार के मामले में नामजद हुए, लेकिन वह कार्रवाई से बच गए।
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