राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0प्र0 जनपद - ललितपुर के प्रतिनिधि मण्डल ने मण्डल अध्यक्ष- अरविन्द तिवारी व जिलाध्यक्ष - रविकांत ताम्रकार के प्रतिनिधित्व में मान0 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ललितपुर श्री संतोष कुमार राय से मुलाक़ात कर शिक्षको की निम्नलिखित समस्याओ से अवगत कराकर मांगे शीघ्रती शीघ्र निस्तारित करने की मांग की ।
( 1 ) - शिक्षको का वेतन या वेतन वृद्धि रोकने का अधिकार किसी को भी नही हैजब तक उस शिक्षक या कर्मचारी ने कोई गंभीर अपराध या संगीन जुर्म या वित्तीय अनियमितता ना की हो तथा उसका जुर्म सिद्ध होकर उसे न्यायालय से सजा ना मिली हो
क्योकि वेतन से शिक्षक के पूरे परिवार का भरण पोषण होता है
एवम् वेतन या वेतन वृद्धि रोकना अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया से शासित है जो स्थापित नियमो के अधीन होता है जिसमे तात्कालिकता के प्रकरण में मान0 जिलाधिकारी की अनुमति से शिक्षक को प्रतीक्षा में रख कर उसका स्थाई अनुमोदन निदेशक द्वारा तथ्यों के आधार पर किया जाता है
अत किसी भी शिक्षक की वेतन या वेतन वृद्धि ना रोकी जाये ।
( 2 ) - शैक्षिणिक गुणवत्ता उन्नयन हेतु निरीक्षण सुधारात्मक / सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए किये जाए , निजलाभार्थ दण्डात्मक या नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए कदापि ना किये जाए एवम् निरीक्षण में कमी पाये जाने पर कमियो में सुधार कराते हुए कमी के कारणों को समझा जाए ।
तथा निरीक्षणों को भ्रष्टाचार का जरिया ना बनाया जाए ।
( 3 ) - विद्यालयो में ड्रेस माफियाओ द्वारा निम्न गुणवत्ता की ड्रेस के बण्डल रखे होने के कारण शिक्षक गुणवत्तायुक्त ड्रेस बांटने में असमर्थ है अत: ड्रेस माफियाओ द्वारा विद्यालयो में जबरदस्ती रखवाए गए ड्रेस के बंडलों का तत्काल उठान कराया जाए । एवम् ड्रेस माफियाओ को चिन्हित कर पुलिस में प्राथमिकी / f i r दर्ज कराई जाए ।
अन्यथा ड्रेस वितरण में शिक्षको की जबाबदेही तय ना की जाये ।
( 4 ) - शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुपालनार्थ विद्यालयो में बच्चों की न्यून उपस्थिति व गुणवत्ता के लिए अभिभावक , ग्राम प्रधान , विद्यालय प्रबंधन समिति , खण्ड शिक्षा अधिकारी , ब्लॉक समन्वयक व अन्य कारक जिम्मेदार है
अत: शिक्षक को कदापि दोषी ना माना जाए ।
( 5 ) - वर्तमान में 6 माह उपरान्त मात्र 2 या 3 विषय की ही नि:शुल्क पाठ्य पुस्तके विद्यालयो को उपलब्ध कराई गयी है जिससे पूर्णतया शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित है
अत: निरीक्षण में न्यून गुणवत्ता आंककर शिक्षको के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाहियां ना की जाए ।
( 6 ) - निशुल्क पाठ्य पुस्तके ,खण्ड शिक्षा अधिकारियो द्वारा विद्यालयीवार रुट चार्ट बनाकर विद्यालयो में उपलब्ध कराने के शासन के स्पष्ट निर्देश है
किन्तु beo पुस्तके विद्यालयो में उपलब्ध नही कराकर प्रधानाध्यापकों द्वारा स्वयं निज धनराशि व्यय कर संकुल केन्द्रो से पुस्तको का उठान किया जाता है
अत: पाठ्य पुस्तके विद्यालयो में भिजवाने हेतु जो धनराशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है उस आवंटित धनराशि से संगठन को अवगत कराते हुए दोषी beo के विरूद्ध कार्यवाही की जाए ।
व प्र0 अ0 द्वारा पाठ्य पुस्तक उठान में व्यय धनराशि का प्र0 अ0 को भुगतान किया जाए ।
( 7 ) - कम वेतन व कम ग्रेड वेतन पाने वाले एवम् संविदा कर्मियो द्वारा शिक्षको का निरीक्षण कदापि नही कराया जाए ।
एवम् शासन द्वारा नियुक्त / अधिकृत अधिकारियो द्वारा ही निरीक्षण कराये जाए , जिनको कक्षावार व विषयवार निरीक्षणों व विषयवस्तु की जानकारी है ।
( 8 ) - B L O का कार्य स्कूल समय के उपरान्त किये जाने के शासन के स्पष्ट निर्देश है किन्तु कतिपय शिक्षक B L O ड्यूटी के बहाने प्राय: विद्यालयो से अनुपस्थित रहते है
अत: उन्हें विद्यालयो में नियमित शिक्षण कार्य हेतु आदेश जारी कर निर्देशित किया जाए ।
( 9 ) - सेवा संघो की मान्यता नियमावली -1979 का कढाई से अनुपालन कर अमान्य / फर्जी शिक्षक संघो पर तत्काल रोक लगाएस जाए ।
( 10 ) - शासनादेशों व विभागीय निर्देशो के उपरान्त भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय मे शिक्षको की अस्थाई ड्यूटियां लगाकर , बाबूगिरी के कार्य लिए जा रहे है तथा काउंसलिंग इत्यादि में कुछ चिन्हित शिक्षको की ही ड्यूटियां लगाईं जाती है जो शासनादेशों व विभागीय निर्देशो का खुला उल्लंघन है
अत: कार्यालय में लगाई गई अस्थाई ड्यूटियां तत्काल निरस्त कर महीनो से स्कूल ना जाने वाले शिक्षको को शिक्षण कार्य हेतु विद्यालय में भेज जाए ।
( 11 ) - बाल मिनी क्रीड़ा प्रतियोगिता वर्ष 2016 को सम्पन्न कराने हेतु शैक्षिक संगठनो द्वारा प्रदान की गई सहयोग धनराशि , जो शासन द्वारा विभाग को प्राप्त कराई जा चुकी है को तत्काल शैक्षिक संगठनो को वापिस की जाए , व रैली के आय व्यय का विवरण संगठन को प्राप्त कराया जाए ।
( 12 ) - नियुक्ति , पदोन्नति के फलस्वरूप सैकड़ो शिक्षक जनपद ललितपुर में तैनात / पदस्थापित किये गए है , इसके उपरान्त भी पिछड़े क्षेत्रो - महरौनी , मडावरा के दर्जनों विद्यालय पूर्व की भाँति आज भी एकल शिक्षक संचालित हो रहे है
वही मुख्यालय के नजदीक के ब्लाको के विद्यालयो में अधिकतम संख्या में 6 - 6 , 7 - 7 व 8 - 8 शिक्षक तैनात है
तथा नियुक्ति एवम पदस्थापना में विकल्प चयन करने या लेने के उपरान्त भी दर्जनों शिक्षको के आवंटित विद्यालयो में संशोधन किये गए है , जो पूर्णतया गलत नियम विरूद्ध है ।
अत: निष्पक्ष जांच कर नजदीक के स्कूलो से शिक्षक हटाकर पिछड़े क्षेत्रो महरौनी मडावरा में शिक्षक तैनात किये जाए ।
उक्त बिंदुवार मांगो को बीएसए ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने का पूर्ण आश्वासन दिया ।
प्रतिनिधि मण्डल ने शीघ्रति शीघ्र मांगो का निस्तारण ना होने , व ठोस आवश्यक कार्यवाही ना होने पर शासन स्तर पर उच्चस्तरीय कार्यवाही की बात कही ।
( 1 ) - शिक्षको का वेतन या वेतन वृद्धि रोकने का अधिकार किसी को भी नही हैजब तक उस शिक्षक या कर्मचारी ने कोई गंभीर अपराध या संगीन जुर्म या वित्तीय अनियमितता ना की हो तथा उसका जुर्म सिद्ध होकर उसे न्यायालय से सजा ना मिली हो
क्योकि वेतन से शिक्षक के पूरे परिवार का भरण पोषण होता है
एवम् वेतन या वेतन वृद्धि रोकना अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया से शासित है जो स्थापित नियमो के अधीन होता है जिसमे तात्कालिकता के प्रकरण में मान0 जिलाधिकारी की अनुमति से शिक्षक को प्रतीक्षा में रख कर उसका स्थाई अनुमोदन निदेशक द्वारा तथ्यों के आधार पर किया जाता है
अत किसी भी शिक्षक की वेतन या वेतन वृद्धि ना रोकी जाये ।
( 2 ) - शैक्षिणिक गुणवत्ता उन्नयन हेतु निरीक्षण सुधारात्मक / सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए किये जाए , निजलाभार्थ दण्डात्मक या नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए कदापि ना किये जाए एवम् निरीक्षण में कमी पाये जाने पर कमियो में सुधार कराते हुए कमी के कारणों को समझा जाए ।
तथा निरीक्षणों को भ्रष्टाचार का जरिया ना बनाया जाए ।
( 3 ) - विद्यालयो में ड्रेस माफियाओ द्वारा निम्न गुणवत्ता की ड्रेस के बण्डल रखे होने के कारण शिक्षक गुणवत्तायुक्त ड्रेस बांटने में असमर्थ है अत: ड्रेस माफियाओ द्वारा विद्यालयो में जबरदस्ती रखवाए गए ड्रेस के बंडलों का तत्काल उठान कराया जाए । एवम् ड्रेस माफियाओ को चिन्हित कर पुलिस में प्राथमिकी / f i r दर्ज कराई जाए ।
अन्यथा ड्रेस वितरण में शिक्षको की जबाबदेही तय ना की जाये ।
( 4 ) - शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुपालनार्थ विद्यालयो में बच्चों की न्यून उपस्थिति व गुणवत्ता के लिए अभिभावक , ग्राम प्रधान , विद्यालय प्रबंधन समिति , खण्ड शिक्षा अधिकारी , ब्लॉक समन्वयक व अन्य कारक जिम्मेदार है
अत: शिक्षक को कदापि दोषी ना माना जाए ।
( 5 ) - वर्तमान में 6 माह उपरान्त मात्र 2 या 3 विषय की ही नि:शुल्क पाठ्य पुस्तके विद्यालयो को उपलब्ध कराई गयी है जिससे पूर्णतया शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित है
अत: निरीक्षण में न्यून गुणवत्ता आंककर शिक्षको के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाहियां ना की जाए ।
( 6 ) - निशुल्क पाठ्य पुस्तके ,खण्ड शिक्षा अधिकारियो द्वारा विद्यालयीवार रुट चार्ट बनाकर विद्यालयो में उपलब्ध कराने के शासन के स्पष्ट निर्देश है
किन्तु beo पुस्तके विद्यालयो में उपलब्ध नही कराकर प्रधानाध्यापकों द्वारा स्वयं निज धनराशि व्यय कर संकुल केन्द्रो से पुस्तको का उठान किया जाता है
अत: पाठ्य पुस्तके विद्यालयो में भिजवाने हेतु जो धनराशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है उस आवंटित धनराशि से संगठन को अवगत कराते हुए दोषी beo के विरूद्ध कार्यवाही की जाए ।
व प्र0 अ0 द्वारा पाठ्य पुस्तक उठान में व्यय धनराशि का प्र0 अ0 को भुगतान किया जाए ।
( 7 ) - कम वेतन व कम ग्रेड वेतन पाने वाले एवम् संविदा कर्मियो द्वारा शिक्षको का निरीक्षण कदापि नही कराया जाए ।
एवम् शासन द्वारा नियुक्त / अधिकृत अधिकारियो द्वारा ही निरीक्षण कराये जाए , जिनको कक्षावार व विषयवार निरीक्षणों व विषयवस्तु की जानकारी है ।
( 8 ) - B L O का कार्य स्कूल समय के उपरान्त किये जाने के शासन के स्पष्ट निर्देश है किन्तु कतिपय शिक्षक B L O ड्यूटी के बहाने प्राय: विद्यालयो से अनुपस्थित रहते है
अत: उन्हें विद्यालयो में नियमित शिक्षण कार्य हेतु आदेश जारी कर निर्देशित किया जाए ।
( 9 ) - सेवा संघो की मान्यता नियमावली -1979 का कढाई से अनुपालन कर अमान्य / फर्जी शिक्षक संघो पर तत्काल रोक लगाएस जाए ।
( 10 ) - शासनादेशों व विभागीय निर्देशो के उपरान्त भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय मे शिक्षको की अस्थाई ड्यूटियां लगाकर , बाबूगिरी के कार्य लिए जा रहे है तथा काउंसलिंग इत्यादि में कुछ चिन्हित शिक्षको की ही ड्यूटियां लगाईं जाती है जो शासनादेशों व विभागीय निर्देशो का खुला उल्लंघन है
अत: कार्यालय में लगाई गई अस्थाई ड्यूटियां तत्काल निरस्त कर महीनो से स्कूल ना जाने वाले शिक्षको को शिक्षण कार्य हेतु विद्यालय में भेज जाए ।
( 11 ) - बाल मिनी क्रीड़ा प्रतियोगिता वर्ष 2016 को सम्पन्न कराने हेतु शैक्षिक संगठनो द्वारा प्रदान की गई सहयोग धनराशि , जो शासन द्वारा विभाग को प्राप्त कराई जा चुकी है को तत्काल शैक्षिक संगठनो को वापिस की जाए , व रैली के आय व्यय का विवरण संगठन को प्राप्त कराया जाए ।
( 12 ) - नियुक्ति , पदोन्नति के फलस्वरूप सैकड़ो शिक्षक जनपद ललितपुर में तैनात / पदस्थापित किये गए है , इसके उपरान्त भी पिछड़े क्षेत्रो - महरौनी , मडावरा के दर्जनों विद्यालय पूर्व की भाँति आज भी एकल शिक्षक संचालित हो रहे है
वही मुख्यालय के नजदीक के ब्लाको के विद्यालयो में अधिकतम संख्या में 6 - 6 , 7 - 7 व 8 - 8 शिक्षक तैनात है
तथा नियुक्ति एवम पदस्थापना में विकल्प चयन करने या लेने के उपरान्त भी दर्जनों शिक्षको के आवंटित विद्यालयो में संशोधन किये गए है , जो पूर्णतया गलत नियम विरूद्ध है ।
अत: निष्पक्ष जांच कर नजदीक के स्कूलो से शिक्षक हटाकर पिछड़े क्षेत्रो महरौनी मडावरा में शिक्षक तैनात किये जाए ।
उक्त बिंदुवार मांगो को बीएसए ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने का पूर्ण आश्वासन दिया ।
प्रतिनिधि मण्डल ने शीघ्रति शीघ्र मांगो का निस्तारण ना होने , व ठोस आवश्यक कार्यवाही ना होने पर शासन स्तर पर उच्चस्तरीय कार्यवाही की बात कही ।
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