कंट्रोल आर्डर 2016 में संशोधन की मांग को लेकर खाद्य विभाग के विपणन निरीक्षक व क्षेत्रीय विपणन अधिकारियों ने संभागीय खाद्य नियंत्रक कार्यालय पर कंट्रोल आर्डर की प्रतियां जलाई। खाद्य आयुक्त के खिलाफ नारे भी लगाए गए। संभाग के विपणन निरीक्षकों व क्षेत्रीय विपणन अधिकारियों के हड़ताल पर रहने के कारण अंत्योदय व पात्र गृहस्थी का एक लाख क्विंटल खाद्यान्न का निर्गमन नहीं हो सका। एमडीएम व पीडीएस खाद्यान्न के लैप्स होने का खतरा मंडराने लगा है। इससे प्राथमिक स्कूलों के नौनिहाल मध्यान्ह भोजन से वंचित हो जाएंगे। उप्र खाद्य इंस्पेक्टर्स/आफिसर्स एसोसिएशन के मंडलीय अध्यक्ष विजय शुक्ला ने कहा कि जब तक कंट्रोल आर्डर 2016 में विपणन निरीक्षक व क्षेत्रीय विपणन अधिकारियों को प्रवर्तन कार्य के लिए अधिकृत नहीं किया जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने खाद्य विभाग के गोदामों को पहले की तरह आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 से मुक्त करने की मांग की। मंडलीय मंत्री विनय दुबे ने कहा कि संभाग में खाद्यान्न व चीनी का निर्गमन पूरी तरह ठप रहा। केंद्रों से सभी वाहन वापस लौटा दिए गए। संरक्षक नरसिंह प्रसाद सिंह ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के कारण खाद्यान्न की मात्र में वृद्धि हुई है और खाद्यान्न का मूल्य काफी कम हो गया है। गोरखनाथ त्रिपाठी व लालबहादुर गुप्ता ने कहा कि प्रवर्तन कार्य 2500 अधिकारियों व कर्मचारियों को हटाना राशन माफियाओं को सरंक्षण देने जैसा है। धरनास्थल पर सत्येंद्र प्रताप सिंह, फरहत अफरोज, रीना नायक, संजय शुक्ला, अत्रिमुनि चौधरी, दीपक शुक्ला, मो.शमीम, गुंजेश्वरी, लीलावती, हरिहर प्रसाद पाठक, सौरभ द्विवेदी, कमलेश शाही, दिवाकर, राजेंद्र प्रसाद, रमित जायसवाल, विनोद गौड़, रामानंद जायसवाल, कमरुद्दीन आदि मौजूद थे।
अधिकारियों ने दिया नैतिक समर्थन--
संभागीय विपणन अधिकारी राममूर्ति वर्मा व जिला खाद्य विपणन अधिकारी आरपी पटेल ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपना नैतिक समर्थन दिया। दोनों अधिकारियों ने कहा कि कंट्रोल आर्डर 2016 से विपणन शाखा के कर्मचारियों व अधिकारियों का नाम हटाना गलत है। कंट्रोल आर्डर 2016 में संशोधन होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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