बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण को लेकर शिक्षक नेता व बीएसए कार्यालय के बाबुओं के बीच ठन गई है। प्राथमिक शिक्षक संघ के नेताओं ने अंतर जनपदीय स्थानांतरण की काउंसिलिंग सूची में गड़बड़ी को लेकर कई आरोप लगाए हैं। वहीं स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों ने काउंसलिंग में पूरी तरह पारदर्शिता का हवाला देते हुए नियुक्ति पत्र देने को लेकर बीएसए पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसको लेकर कुछ शिक्षकों ने मंगलवार को बीएसए कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन भी किया।प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना था कि उनको नियुक्ति पत्र शीघ्र दिए जाएं जबकि बीएसए पुरुष शिक्षकों की तैनाती के बाद ही एक साथ सबको नियुक्ति पत्र देने की बात कह रहे हैं। उन्होंने प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों व क्लर्क को ऐसा न करने की नसीहत दी। काउंसिलिंग में गड़बड़ी के आरोपों को भी बीएसए ने सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि समिति की निगरानी में सभी महिला शिक्षकों को विकल्पों के आधार पर विद्यालय आवंटित किए गए हैं। गड़बड़ी का सवाल ही नहीं है जबकि प्राथमिक शिक्षक संघ ने मानकों को ताक पर रखकर विद्यालय आवंटन करने का आरोप लगाया है। लिहाजा विवादों में फंसी काउंसिलिंग को लेकर शिक्षक नेता के तरफ तो स्थानांतरित शिक्षक व क्लर्क एक तरफ हैं। दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप व निष्पक्षता को लेकर अपने अपने तर्क दे रहे हैं।स्थानांतरण की काउंसिलिंग में शिक्षक नेताओं ने लगाया गड़बड़ी का आरोप शिक्षक ने बीएसए कार्यालय पर नियुक्ति पत्र देने को किया प्रदर्शनप्राथमिक शिक्षक संघ के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। समिति ने निष्पक्ष तरीके से विद्यालयों का आवंटन किया है। तीन विकल्प महिला शिक्षकों से मांगे गए थे, जिसमें पद रिक्त हैं और सूची में वह स्कूल हैं तभी विद्यालय आवंटित किए गए हैं।
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