संवाद सहयोगी, हाथरस : पिछले कई साल से बेसिक शिक्षा विभाग के दूर दराज के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा का स्तर पटरी से उतर गया था। एकल स्कूलों में तो स्थिति और भी खराब हो गई थी। बेसिक शिक्षा अधिकारी रेखा सुमन ने चार्ज लेने के बाद सबसे पहले ऐसे ही विद्यालयों की सुध ली। पदोन्नति को नियमानुसार कराने के बाद एकल विद्यालयों तक शिक्षकों को पहुंचाया। इससे शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। 1चार साल से अधिक समय तक जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी रहे देवेन्द्र गुप्ता के कार्यकाल में शिक्षा का स्तर निरंतर गिरता गया। आला अधिकारियों के औचक निरीक्षण में हकीकत सामने आई मगर सुधार नहीं हुआ। इससे छात्रों के नामांकन पर भी बुरा असर पड़ा। जिले के सवा सौ विद्यालय ऐसे थे जहां एकल शिक्षक के सहारे स्कूल संचालित हो रहे थे। एकल विद्यालयों में शिक्षकों के समक्ष तमाम दिक्कतें आती थीं। कुछ माह पूर्व देवेंद्र गुप्ता का तबादला हो जाने के बाद यहां रेखा सुमन ने बीएसए का चार्ज संभाला। चार्ज लेने के बाद सुमन ने देहात क्षेत्रों के विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर स्थिति देखी। पिछले माह शासन स्तर से प्राथमिक विद्यालयों में हेड मास्टर और उच्च प्राथमिक में सहायक अध्यापक पद पर पदोन्नति कराने के लिए निर्देश बीएसए को मिले। महिला और दिव्यांग शिक्षकों से बीएसए की कमेटी ने विकल्प पत्र लिया। पुरुष शिक्षकों को रोस्टर के अनुसार तैनाती दी गई। पदोन्नति प्रक्रिया को बीएसए व उनकी कमेटी ने सही तरीके से करा लिया। कई साल बाद ऐसा हुआ है कि देहात क्षेत्र के ऐसे विद्यालय जहां शिक्षक व शिक्षिकाएं जाने में कतराते थे, उन विद्यालयों में भी शिक्षकों को पदोन्नत करके भेजा गया। शुक्रवार को सासनी ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय देदामई में एक शिक्षिका के ज्वाइन करने के बाद स्कूल का माहौल बदला हुआ था। सब कुछ ठीक रहा तो दूर दराज व एकल विद्यालयों में बच्चों को बेहतर शिक्षा व योजनाओं का लाभ मिलेगा। नामांकन में भी अब बढ़ोत्तरी होगी।
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