बीएसए द्वारा एक शिक्षिका से अभद्रता करने के मामले में चार दिन से चल रहे आंदोलन का गुरुवार को पटाक्षेप हो गया। धरनास्थल पर मुख्य विकास अधिकारी डा. इंद्रमणि त्रिपाठी के साथ पहुंचे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महेशचंद्र ने पीड़ित शिक्षिका व शिक्षक नेताओं से कहा कि निरीक्षण के दौरान उनका आशय किसी का अपमान करना नहीं था। फिर भी यदि उनकी बातों से शिक्षिका को ठेस पहुंची है तो वह खेद प्रकट करते हैं और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी। शिक्षिका ने उन्हें माफ करने की बात कही और संगठन ने आंदोलन खत्म की घोषणा की। अनेक शिक्षक-शिक्षामित्रों के संयुक्त नेतृत्व में शिक्षक-शिक्षिकाओं का बीएसए आफिस पर धरना चल रहा था। आंदोलित शिक्षकों ने तीन दिन से बीएसए आफिस में अपना ताला जड़ रखा था। आंदोलित शिक्षक-शिक्षिकाएं बीएसए द्वारा रसूलपुर पिरथी की शिक्षिका लता से अभद्रता करने के खिलाफ आंदोलनरत थे। शिक्षक बीएसए के स्थानांतरण की मांग कर रहे थे। बुधवार को शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल इस संबंध में डीएम से मिले थे और बीएसए के खिलाफ शिक्षिका की ओर से थाने में तहरीर दी गई थी। डीएम ने सीडीओ की अध्यक्षता में टीम गठित की थी। सीडीओ ने गुरुवार को पहले संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता की और फिर बीएसए को लेकर धरनास्थल पर पहुंच गए। सीडीओ ने जाते ही माइक हाथों में लिया और शिक्षिकाओं के सम्मान को सुरक्षित रखने की वकालत की। कहा कि शिक्षक व बीएसए एक परिवार के सदस्य हैं। यदि कोई आपसी मतभेद हैं तो आपस में ही सुलझना चाहिए। कहा कि शिक्षकों की अन्य समस्याओं पर भी सहमति बन गई है। बीएसए ने भी शिक्षिका लता से निरीक्षण के दौरान इस्तेमाल हुए शब्दों पर खेद प्रकट किया। धरने की अध्यक्षता सुधीर यादव एवं संचालन भूपेन्द्र चौधरी व प्रशांत कुमार ने किया। धरने व समझौते के दौरान नागेश कुमार, दुष्यंत चौधरी, पुनीत चौधरी, सौरभ चौधरी, राजेन्द्र सिंह, ताजवीर सिंह, रुपेश चौधरी, गौरव सिंह, संदीप कुमार, राहुल राठी, मोहम्मद बाइज, अम्बरीश यादव, राकेश सैनी, योगेन्द्र सिंह, मोनिका, पारुल, अलका, नीलम, उमा, नीता, तुलिका आदि रहे।
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