निगोहां के प्राइमरी और जूनियर स्कूल में बांटे जा रहे मिड-डे मील में गुरुवार को काफी सुधार देखा गया। यहां बच्चों को मिलने वाली कच्ची रोटी अब ढंग पकी रोटी में तब्दील हो चुकी है। उनको भोजन में फल भी दिए जा रहे हैं। खास बात यह है कि अक्षयपात्र के कोऑर्डिनेटर ने कमी उजागर करने के लिए एनबीटी को धन्यवाद भी दिया है।
निगोहां के प्राइमरी और जूनियर स्कूल में अक्षयपात्र से आने वाले मिड-डे मील में कई दिनों से 80 प्रतिशत कच्ची रोटियां आ रही थीं। बीते सोमवार को बच्चों ने यह रोटियां खाने से मना कर दिया था। सूचना पर पहुंचे एनबीटी रिपोर्टर ने जब इस बारे में स्कूल के प्रधानाचार्य से उनका पक्ष जानना चाहा तो पता चला कि कई बार शिकायत के बावजूद कच्ची रोटी ही भोजन में भेजी जा रही है। पड़ताल में पता चला कि प्रधानाचार्य की शिकायत सही जगह तक पहुंची ही नहीं थी। इस संबंध में जब मोहनलालगंज के अक्षयपात्र के कोऑर्डिनेटर अनुपम सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक ऐसी शिकायत ही नहीं मिली है। जबकि आसपास के रघुनाथखेड़ा, हरकुंवरखेड़ा समेत कई गांवों में मिड-डे मील में कच्ची रोटी मिलने की बात सामने आई थी। मंगलवार को एनबीटी ने इस खबर को प्रमुखता से छापा तो न सिर्फ कच्ची रोटी में सुधार हुआ बल्कि मिड-डे मील की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। गुरुवार को निगोहां के प्राइमरी और जूनियर स्कूल में बच्चों को ढंग से पकी हुई रोटी मिली। इस पर बच्चों ने अपनी प्रतिक्रिया में हमें बताया कि अब यह रोटी उनको खाने में अच्छी लगती है। वहीं अक्षयपात्र के कोऑर्डिनेटर अनुपम सिंह ने एनबीटी संवाददाता को फोन पर खबर प्रकाशित करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वो एनबीटी की खबर की सरहाना करते हैं। खबर में छपी रोटी की फोटो देखने पर उन्होंने इसमें सुधार करवाया है। साथ ही सभी स्कूलों में लिखित पत्र भी भेजा है कि यदि खाने में या रोटियों में कमी निकले तो उसे बच्चों को मत दें और हमें सुपरवाइजर के माध्यम से सूचित करें। साथ ही सुपरवाइजरों को भी निर्देश दिया गया है कि वो मिड-डे मील में इन बातों का ख्याल रखें।
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