इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में तकनीक का ‘दूसरा’ चल गया। टीजीटी 2013 के साक्षात्कार में कंप्यूटर ने सभी अभ्यर्थियों को मिनटों में कोड बताया और उन्हें किस बोर्ड में साक्षात्कार देना है यह भी तय किया। पहली बार हुए जैमर के प्रयोग से मोबाइल शांत रहे, वहीं हर दिन गठित बोर्ड में एक्सपर्ट बदलने का सिलसिला भी अनवरत जारी रहेगा।
चयन बोर्ड ने साक्षात्कार में धांधली पर अंकुश लगाने के लिए नए-नए तरीके ईजाद किए हैं। टीजीटी-पीजीटी 2016 के आवेदन ऑनलाइन लेने के बाद तकनीक की दिशा में फिर कदम बढ़ाया है। कंप्यूटर के जरिए कोड तैयार करने एवं साक्षात्कार का बोर्ड तय करने के लिए एक साफ्टवेयर तैयार कराया गया है। मंगलवार को उसका श्रीगणोश हो गया। टीजीटी 2013 के साक्षात्कार के पहले दिन गृह विज्ञान के 208 एवं 24 अन्य अभ्यर्थियों के लिए नौ बोर्ड गठित किए गए थे, लेकिन किसी को यह नहीं मालूम था कि उनके यहां साक्षात्कार किसका होगा, अभ्यर्थी कोड और बोर्ड नहीं जानते थे।
सचिव रूबी सिंह ने कहा कि वेरीफिकेशन के बाद अभ्यर्थियों को जब कोड और बोर्ड कंप्यूटर के जरिए बता दिया गया तो उन्हें कार्यालय के बाहर तभी जाने दिया गया, जब उनका साक्षात्कार पूरा हो गया।
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