ट्यूशन पढ़ाने वाले राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन मान्यता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं की अब खैर नहीं है। वजह, जिला विद्यालय निरीक्षक ने समस्त प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर आदेश दिए हैं कि यदि कोई जांच में पकड़ा गया तो शिक्षक ही नहीं उसके कालेज के प्रधानाचार्य के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रधानाचार्यों से प्रत्येक शिक्षक से ट्यूशन न पढ़ाने के संबंध में प्रमाण पत्र लेने के भी आदेश दिए हैं और वह प्रमाण पत्र जल्द डीआइओएस कार्यालय में जमा करने को कहा है। जनपद में खुलेआम ट्यूशन खोरी का कारोबार पनप रहा है। कुछ कालेजों के शिक्षक छात्रों पर ट्यूशन पढ़ने के लिए दबाव बनाते हैं। उन्हें प्रयोगात्मक परीक्षा में अंकों का डर दिखाते हैं,जबकि राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन मान्यता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालय-कालेजों में कार्यरत शिक्षकों द्वारा छात्रों-छात्रओं को ट्यूशन पढ़ाया अनुचित है। इसके बाद भी यह कारोबार खूब फलफूल रहा है। छात्र संगठन इस संबंध में कई बार आवाज उठा चुके हैं । जिला विद्यालय निरीक्षक डा. अरुण कुमार दूबे ने समस्त प्रधानाचार्यों को पत्र जारी करके निर्देश दिए हैं कि वह अपने विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को यह अवगत करा दें, कि छात्रों को ट्यूशन पढ़ाना प्रतिबंधित है। उनसे इस आशय का भी प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लें, कि वास्तविक रूप से उनके द्वारा ट्यूशन पढ़ाया जा रहा है अथवा नहीं। कालेज उनके प्रमाण-पत्रों को कार्यालय में जमा कराएं। साथ ही प्रधानाचार्य अपने स्तर से एक समिति गठित करके ट्यूशन पढ़ाने की जांच पड़ताल करा लें। यदि इसके बाद जांच में कोई शिक्षक ट्यूशन पढ़ाता मिला, तो शिक्षक ही नहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य की भी संलिप्तता मानकर है। शिक्षक के साथ प्रधानाचार्य के विरूद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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