आवासीय बालिका विद्यालयों में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं चलेगी। बिना सूचना के न तो कोई वार्डन व शिक्षिकाएं विद्यालय से गैरहाजिर रहेंगी और न ही खाद्यान्न के संबंध में कोई घालमेल होगा। विद्यालय में छात्रओं की सुरक्षा भी बनी रहेगी। मुख्यालय पर बैठे अधिकारी बा विद्यालयों की हर गतिविधि पर नजर रख सकेंगे। इसके लिए बा विद्यालयों में कैमरे लगाए जाने की तैयारी की जा रही है।1गरीब बालिकाओं की शिक्षा के लिए सजग शासन ने आवासीय बा विद्यालय खोले हैं। जहां बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ घर जैसी सुविधा दी जाती है। विद्यालय के जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से छात्रओं को योजनाओं का लाभ कम ही मिल पाता है। शिक्षण कार्य का तो बुरा हाल है। बहुत से बा विद्यालयों का स्टाफ गैरहाजिर रहता है और अगले दिन विद्यालय आकर उस दिन की उपस्थिति लगा दी जाती है। मुख्यालय से किसी के फोन करने पर अन्य किसी शिक्षिका से फोन पर बात कराकर वार्डन बना दिया जाता है। विद्यालय को मुहैया कराए जाने वाले खाद्यान्न को कभी-कभार गायब कर दिया जाता है। इसके अलावा विद्यालय में छात्रओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता सताती रहती है। इन सब समस्याओं को लेकर बीएसए ने पांच बा विद्यालयों में कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। हर विद्यालय में तीन कैमरे एक गेट पर, दूसरा स्टोर या रसोइघर में और तीसरा ऐसे स्थान पर रहेगा जहां से विद्यालय में आवाजाही नजर आए। कैमरे के सामने ही गेट पर खाद्यान्न की तोल होगी और वार्डन के साइन होंगे। बजट होने के बाद अन्य विद्यालयों में भी कैमरे लगाए जाएंगे। बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि शासन की प्राथमिकता वाले विद्यालयों की बहुत सी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जिनपर नजर रखने और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कैमरे लगवाए जा रहे हैं।
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