भले ही सूबे की सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों के अंतरजनपदीय तबादलों की राह खोल दी है, लेकिन खीरी जिले में बाहर के तमाम शिक्षकों के ‘घर की नौकरी’ के अरमानों पर बीएसए साहब ने अड़ंगा लगा दिया है। ये वो शिक्षक हैं, जो यहां एकल या बंद विद्यालयों में तैनात हैं या स्वेच्छा से पदावनत होने को तैयार हैं, लेकिन बीएसए इन्हें कार्य मुक्त नहीं कर रहे हैं। ऐसे तीन दर्जन से ज्यादा शिक्षकों ने इस मामले में मंगलवार को डीएम को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई।शिक्षकों ने कहा है कि बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बीती 21 अगस्त को बेसिक स्कूलों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों का आदेश दिया था। इसके बाद भी खीरी जिले में बीएसए ने एकल व बंद विद्यालयों के शिक्षकों व स्वेच्छा से पदावनत होने वाले शिक्षकों को कार्यमुक्त किए जाने की कार्यवाही नहीं की। जबकि अन्य जिलों में सभी शिक्षकों को एक साथ कार्यमुक्त कर दिया गया, जिसमें एकल व बंद विद्यालयों के और स्वेच्छा से पदावनत होने वाले शिक्षक भी शामिल हैं। शिक्षकों ने जिलाधिकारी को दिए प्रार्थना पत्र में रामपुर, बदायूं व शाहजहांपुर जिलों के ऐसे उदाहरण भी दिए हैं। शिक्षकों ने जिलाधिकारी से कहा है कि यदि उन्हें देर से कार्यमुक्त किया जाता है तो अपनी नई तैनाती स्थल पर साथ के ही लोगों से जूनियर हो जाएंगे। उन्होंने डीएम से मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द यहां से कार्यमुक्त कराया जाए। प्रार्थना पत्र सौंपने वालों में सुनील कुमार, संजय कुमार, अर¨वद यादव, सुरेश प्रकाश, मनोज कुमार, राजकुमार, अनुराग कुमार, विनय कुमार पांडेय, वीरेंद्र कुमार, अर¨वद तिवारी व कमलेश यादव समेत कई शिक्षक शामिल हैं
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