बेसिक शिक्षा का हाल किसी से छिपा नहीं है। इसके दोषी शिक्षक ही नहीं अफसर भी हैं। तमाम शिक्षक ऐसे हैं जो दूसरे शहरों में बैठकर यहां पढ़ा रहे हैं। इसके बाद भी अफसर उन्हें वेतन जारी कर रहे हैं। बीइओ नवाबगंज ऐसे ही एक मामले में फंसे तो उन्होंने शिक्षिका की पूरी रिपोर्ट बीएसए को भेजी है। प्राथमिक स्कूल चंदपुर जोगीठेर स्कूल की प्रधानाध्यापिका दीपशिखा पर आरोप हैं कि वह कई माह से स्कूल नहीं आ रही हैं। इसके बाद भी अफसरों ने अगस्त माह का उनका वेतन जारी कर दिया। बताते हैं कि इससे पहले शिक्षका बरौर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात थी। लापरवाही के आरोप में उन्हें सस्पेंड किया गया था। एक स्कूल में उन्हें अटैच किया था लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। उसके बाद दूसरा स्कूल आवंटित हुआ। जोगीठेर की ग्राम प्रधान चंचल कुमारी व अन्य ग्रामीणों ने तहसील दिवस में शिकायत इसकी शिकायत की। कहा है कि ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से प्रधानाध्यापिकानहीं आ रही हैं। बताया जा रहा है कि वह नोएडा में रह रही हैं।
स्कूल आईं नहीं, फिर भी बिना जाँच अफसरों ने जारी कर दिया एक माह का वेतन--
खंड शिक्षा अधिकारी पर लगे गंभीर आरोप बचाव के लिए बीएसए को पत्र भेजा
शिक्षिका बिना बताए काफी समय से गैर हाजिर हैं। इसकी रिपोर्ट बीएसए को भेज दी गई है। 25 अगस्त तक का वेतन इसलिए निकल गया क्योंकि इसकी जानकारी नहीं हो पाई थी। विवेक शर्मा, बीइओ
मुझे राजनीतिक षड़यंत्र में फंसाया जा रहा है। स्कूल छोड़ते समय जानकारी सभी को दी गई थी। मेरे इलाज से जुड़े अभिलेख मेरे पास हैं। इसकी इंक्वायरी चल रही है। मैं सभी प्रूफ अफसरों के समक्ष रखूंगी। मैं बरेली में ही रह रही हूं।- दीपशिखा, प्रधानाध्यापिका
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